शामली : केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर जारी किसानों के आंदोलन के बीच उत्तर प्रदेश में एक किसान ने अपने कौड़ी के भाव गोभी बेचने के बजाय इसे नष्ट कर देने का फैसला लिया। यह मामला यूपी के शामली जिले का है, जहां प्रशासन ने अब इस मामले में कदम उठाते हुए किसान का पक्ष जानने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
यह मामला शामली जिले के मायापुरी गांव का है, जहां एक किसान ने गोभी की अपनी फसल को इसलिए नष्ट कर दिया, क्योंकि उसे उसका उचित मूल्य नहीं मिल रहा था। उसे गोभी के लिए 1 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से कीमत मिल रही थी, जिसमें फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही थी। ऐसे में उन्होंने इसे नष्ट करना ही बेहतर समझा। साथ ही उन्होंने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की भी मांग की।
किसान आंदोलन का समर्थन
मायापुरी गांव के इस किसान ने कहा, 'मुझे गोभी के लिए 1 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत मिल रही थी, जबकि 76 बैग अब भी नहीं बिक पाए थे। इसलिए मैंने बाकी सबको नष्ट करने का फैसला किया।' दिल्ली में जारी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए उन्होंने यह भी कहा, 'नए सभी तीन कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए।'
इस मामले को लेकर जिला प्रशासन एक्शन में आ गया है। डीएम जसजीत कौर के मुताबिक, उन्हें इस बारे में जानकारी मिली है। बागवानी विभाग के अधिकारियों और एसडीएम को जिले के मायापुरी गांव जाकर किसान से मिलने के लिए कहा गया है। साथ ही उनसे इसे लेकर विस्तृत जान रिपोर्ट भी मांगी गई है, ताकि मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके।