नई दिल्ली/वाशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन की अगुवाई में नई सरकार का गठन हो चुका है, जिसके बाद इस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या बाइडन प्रशासन में भी भारत के संबंध उसी तरह के रहेंगे, जैसा कि डोनाल्ड ट्रंप और उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा के कार्यकाल में रहा था। इन सबके बीच दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने आपसी संबंधों को लेकर बातचीत की और आपसी साझेदारी को मजबूत करने का संकल्प दोहराया।
अमेरिका में 20 जनवरी को जो बाइडन के राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद यह भारत और अमेरिका के बीच पहली उच्चस्तरीय बातचीत रही। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के नए रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के बीच क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों, विशेष रूप से हिन्द-प्रशांत घटनाक्रम को लेकर चर्चा हुई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भारत और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों की बातचीत में विस्तृत भू-राजनैतिक घटनाक्रमों के साथ-साथ चीन का मसला भी शामिल रहा।
रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा
अपने अमेरिकी समकक्ष से बातचीत के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'अमेरिकी समकक्ष से फोन पर बात की। उन्हें नियुक्ति पर शुभकामनाएं दी। भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। सामरिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए आपसी हितों के क्षेत्रीय-वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।' रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि दोनों रक्षा मंत्रियों ने बहुआयामी रक्षा सहयोग और रणनीतिक सझेदारी मजबूत करने का संकल्प दोहराया।
वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ऑस्टिन ने भारत और अमेरिका के रक्षा संबंधों में बीते कुछ वर्षों में आई प्रगति को बरकरार रखने और आगे बढ़ाने पर चर्चा की। रक्षा मंत्री ने भारत-अमेरिका साझेदारी बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि यह साझा मूल्यों एवं समान हितों पर आधारित है। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी चर्चा की।