वाराणसी : उत्तर प्रदेश के वाराणसी विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों ने कथित तौर पर गैर-हिंदुओं के गंगा घाटों पर प्रवेश को प्रतिबंधित करने वाले पोस्टर लगाए हैं। इन समूहों से जुड़े लोगों ने सोशल मीडिया पर पोस्टर लगाते हुए अपनी तस्वीरें भी पोस्ट कीं। बजरंग दल के नगर संयोजक 'रुद्र' निखिल त्रिपाठी ने इन पोस्टरों को घाटों को पिकनिक स्पॉट मानने वालों के लिए 'स्पष्ट' संदेश बताया। उन्होंने कहा, 'हम उन्हें गंगा के घाटों से दूर रहने की चेतावनी दे रहे हैं, क्योंकि यह पिकनिक स्थल नहीं, बल्कि 'सनातन' संस्कृति का प्रतीक है।'
वहीं, विहिप के नगर सचिव राजन गुप्ता ने कहा कि जो लोग सनातन धर्म का सम्मान नहीं करते हैं उन्हें घाटों और मंदिरों में नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर वे सनातन धर्म का सम्मान करते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।' इसके अलावा पोस्टर में कहा गया है कि 'यह एक चेतावनी है, अनुरोध नहीं है।'
पहले भी दे चुके हैं धमकी
यहां गौर हो कि वाराणसी विदेशी पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करते हुए घाटों पर घंटों बिताते हैं। दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता इससे पहले घाटों पर पर्यटकों के धूम्रपान करने पर भी आपत्ति जता चुके हैं। नए साल की पूर्व संध्या पर कार्यकर्ताओं ने चांदमारी में एक चर्च के सामने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया था।
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मॉल और होटलों में पोस्टर भी लगाए थे, जिसमें लोगों को काशी में नया साल नहीं मनाने और वहां पश्चिमी संस्कृति को बढ़ावा नहीं देने की चेतावनी दी गई थी। उन्होंने पश्चिमी संस्कृति को 'अनैतिक और धर्म विरोधी' करार देते हुए इसकी आलोचना की थी और शहर में ऐसे आयोजनों और समारोहों के विरोध को लेकर भी चेतावनी दी थी।
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उस समय, निखिल त्रिपाठी 'रुद्र' ने कहा था, 'नए साल का जश्न एक अर्थहीन घटना है। इसकी कोई नैतिकता नहीं है और इसका आध्यात्मिकता से कोई लेना-देना नहीं है। इस तरह के आयोजन देश के युवाओं को गलत रास्ते पर ले जाते हैं।' त्रिपाठी के मुताबिक, जश्न की आड़ में शराब व ड्रग माफिया फायदा उठाते हैं। साथ ही बजरंग दल ने नए साल के दौरान बार, पब, होटल और क्लब में शराब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग भी की थी।