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Gujarat Civic Polls: 6 नगर निगमों के लिए डाले जाएंगे मत, BJP के लिए क्यों है खास

Updated Feb 21, 2021 | 06:00 IST

गुजरात के 6 बड़े शहरों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं और उसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। गृहमंत्री अमित शाह मतदान के लिए अहमदाबाद जा सकते हैं।

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विधानसभा चुनाव से पहले नगर निगम चुनाव बीजेपी के लिए अहम
मुख्य बातें
  • 21 फरवरी को 6 नगर निगमों के लिए डाले जाएंगे वोट
  • 23 फरवरी को सभी 6 नगर निगमों के लिए होगी मतों की गणना
  • अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए अग्नि परीक्षा

अहमदाबाद। गुजरात में निकाय चुनाव ( Gujarat Civic Polls) के तहत रविवार को छह बड़े शहरों में मतदान होगा जो कोविड-19 रोधी उपायों के बीच सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक चलेगा। अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा, भावनगर, जामनगर और राजकोट नगर निगम चुनाव को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के लिए एक परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है जो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का मिजाज तय कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह भी अहमदाबाद मत देने के लिए जा सकते हैं। 

575 सीटों के लिए मतदान
अधिकारियों ने बताया कि कुल 575 सीटों के लिए मतदान होगा जिसके लिए 2,276 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से भाजपा के 577, कांग्रेस के 566, आम आदमी पार्टी के 470, राकांपा के 91 और अन्य दलों से 353 तथा 228 निर्दलीय उम्मीदवार हैं।इस संबंध में एक चुनाव अधिकारी ने कहा कि इन छह शहरों में मतदाताओं की कुल संख्या 1.14 करोड़ है जिनमें से 60.60 पुरुष और 54.06 लाख महिला मतदाता हैं।

निकाय चुनाव की खास बातें

  1. 6 शहरों की 575 सीटों पर मतदान
  2. 2,276 उम्मीदवार चुनावी मैदान में
  3. बीजेपी के 577, कांग्रेस  के 566, आप के 470, एनसीपी के 91 अन्य दल के 353 उम्मीदवार
  4.  6 शहरों में मतदाताओं की संख्या 1.14 करोड़। 60 लाख से अधिक पुरुष और 54 लाख से अधिर महिला मतदाता।
  5. कुल 11,121 बूथ जिनमें 2,255 संवेदनशील और 1,188 अति संवेदनशील

23 फरवरी को मतगणना
11,121 चुनाव बूथ में से 2,255 संवेदनशील तथा 1,188 को अत्यंत संवेदनशील घोषित किया गया है।मतगणना 23 फरवरी को होगी।उन्होंने कहा कि इसके बाद 28 फरवरी को 31 जिला तथा 231 तालुका पंचायतों और 81 नगर निकायों के लिए चुनाव होगा।कोविड-19 से पीड़ित पाए गए रूपाणी को देर रात अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है और वह रविवार को अपने गृहनगर राजकोट में वोट डाल सकते हैं। वैसे तो यह नगरीय चुनाव है लेकिन जिस तरह से किसान आंदोलन के बीच पंजाब में कांग्रेस को जबरदस्त कामयाबी मिली है उसके बाद बीजेपी के लिए चिंता की बात हो सकती है। हालांकि जानकार कहते हैं कि किसानों के आंदोलन का जितना असर पंजाब में नजर आ रहा है, गुजरात उससे करीब करीब अछूता है। 

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