- संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शरीक होने विधानसभा पहुंचे थे राज्यपाल धनखड़
- समारोह में मौजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से नहीं मिले और उनसे कोई बातचीत नहीं की
- ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल भूल गए कि यह कश्मीर नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल है
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच दिनोंदिन तल्खी बढ़ती जा रही है। यह तल्खी मंगलवार को विधानसभा में भी देखने को मिली। संविधान दिवस के मौके पर विधानसभा पहुंचे राज्यपाल, ममता बनर्जी के पास से गुजरे लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री को नजरंदाज किया। राज्यपाल ने वहां विपक्ष के नेता अब्दुल मन्ना का अभिवादन किया लेकिन ममता से एक शब्द भी बातचीत नहीं की।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा, 'संविधान दिवस के मौके पर अगस्त हाउस को संबेधित करना मरे लिए यादगार क्षण है। इस समारोह में मुझे बुलाने के लिए मैं स्पीकर को धन्यवाद देता हूं। 21वें राज्यपाल के रूप में यह मेरे लिए यादगार क्षण है।' इस मौके पर स्पीकर ने राज्यपाल को उपहार स्वरूप दो गिफ्ट दिए। एक राज्यपाल के लिए दूसरा उनकी पत्नी के लिए। इस पर राज्यपाल ने शुरू में दूसरा गिफ्ट लेने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इस समारोह में उनकी पत्नी को आमंत्रित नहीं किया गया है। इस पर स्पीकर ने कहा कि उन्हें पहली महिला के आने की भी उम्मीद थी। स्पीकर को जवाब देते हुए राज्यपाल ने कहा कि न्योता उन्हें भी जाना चाहिए था।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा, 'महत्वपूर्ण बात यह है कि बाबासाहेब अंबेडकर ने अनुच्छेद 370 का मसौदा तैयार करने से इंकार कर दिया था। भारत ने अनुच्छेद 370 हटाकर आतंकवाद का खात्मा करने का काम किया है।' राज्यपाल ने आगे कहा कि उनके पद के साथ समझौता किया गया है। राज्यपाल द्वारा अपना भाषण समाप्त किए जाने के बाद वहां मौजूद विधायकों ने मेजे नहीं थपथपाईं। जबकि टीएमसी के विधायकों ने 'जय बांग्ला' के नारे लगाए। इसके बाद राज्यपाल ममता से कोई बात किए बगैर सभा से चले गए। ममता उनके पीछे गईं लेकिन राज्यपाल की तरफ से कोई अभिवादन नहीं किया गया।
राज्यपाल के बाद सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारे राज्यपाल ने बहुत अच्छा भाषण दिया लेकिन वे भूल गए कि यह कश्मीर नहीं बंगाल है। उन्होंने बंगाल से ज्यादा कश्मीर के बारे में अपनी बात रखी।' मुख्यमंत्री ने कहा, 'राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है। मेरी किसी भी राज्यपाल के साथ लड़ाई नहीं हुई है। तब वह ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न करते हैं। हम जानते हैं कि उनके पास फरमान कहां से आते हैं। मुझे पता है कि उन्हें किसने भेजा है और उनका क्या काम है।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'अचानक से वह हेलिकॉप्टर की मांग करते हैं। वह इस बात को नहीं समझे कि चक्रवात बुलबुल के लिए केंद्र की टीम बंगाल के दौरे पर है। हमारे पास हेलिकॉप्टर नहीं है। ऐसे राज्य भी हैं जिनके पास प्राइवेट जेट हैं लेकिन हमारे पास नहीं हैं। केंद्रीय टीम चॉपर का इस्तेमाल कर रही थी। इसी समय उन्होंने भी अपने लिए चॉपर की मांग की। हम भी आपात स्थिति होने पर हेलिकॉप्टर की मांग करते हैं। हमें राज्यपाल को हेलिकॉप्टर देने में कोई समस्या नहीं है।' मुख्यमंत्री ने कहा, 'यहां तक कि प्रधानमंत्री मेरे साथ ऐसा बर्ताव नहीं करते जैसा कि राज्यपाल ने किया है। पीएम से मुलाकात होने पर वह मुझसे बात करते हैं।'