- पश्चिम बंगाल की ममता सरकार का एक फैसला आया विवादों के घेरे में
- ममता सरकार ने ईद पर दिए थे मुस्लिम कर्मचारियों को गिफ्ट बांटने के निर्देश
- सरकारी सर्कुलर में कहा गया था कि हर मुस्लिम कर्मचारी को बोनस के तौर पर 4800 रुपये दिए जाएं
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उनके सुर्खियों में आने की वजह उनका बयान या केंद्र की मोदी सरकार पर कोई निशाना नहीं बल्कि उनका बड़ा ऐलान है, जिसे लेकर बीजेपी उनकी सरकार पर हमलावर हो गई हैं। दरअसल, उन्होंने ईद के मौके पर सभी मुस्लिम कर्मचारियों को तोहफा देने का ऐलान किया और इसके लिए बकायदा सर्कुलर भी जारी कर दिया गया। सर्कुलर में कहा गया कि हर मुस्लिम कर्मचारी को बोनस के तौर पर 4800 रुपये दिए जाएं।
जारी किया था सर्कुलर
यह सर्कुलर पश्चिम बंगाल पर्यटन विकास निगम लिमिटेड ने जारी किया था जिसमें ईद पर तोहफे देने का निर्देश दिया था। इसमें हर टूरिस्ट डेवलपमेंट ऑफिसर और टूरिस्ट सुपरवाइजर को ईद-उल-फितर से पहले 4800 रुपये देने के लिए कहा गया था। इस निर्देश में साफ लिखा था कि केवल मुस्लिम कर्मचारियों को ही ये तोहफे दिए जाएं। ये तोहफे ईद-उल-फितर से पहले उन्हें पहुंचा दिए जाने का भी निर्देश दिया गया था। वहीं दूसरी तरफ राज्य में महंगाई को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच लंबे समय से शिकायत है।
राज्य सरकार के कर्मचारी कर रहे हैं ये मांग
राज सरकार के कर्मचारियों की शिकायत है कि केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं दिया जा रहा है और न ही वेतन आयोग की सिफारिश राज्य सरकार लागू कर रही है। लेकिन ममता सरकार ने कर्मचारियों की शिकायत कभी ध्यान नही दिया है, ऐसे समुदाय विशेष के तुष्टिकरण की राजनीति सवालों के घेरे में है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं जब ममता सरकार पर एक समुदाय विशेष को खुश करने के आरोप लगे है। इससे पहले भी उन पर इस तरह से तुष्टिकरण करने के कई आरोप लग चुके हैं।
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