- भारत में नागपुर के कई डॉक्टरों में मिला है 'ब्रेक थ्रू इंफेक्शन'
- वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमित होने का कहा जाता है 'ब्रेकथ्रू इंफेक्शन'
- वायरस को बदलते स्वरूप को देखते हुए भारत में मास्क पहनना जरूरी
नई दिल्ली : देश में कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण में कमी आने लगी है। संक्रमण से बचाने के लिए देश में करीब 18 करोड़ लोगों को टीके की खुराक दी जा चुकी है। इनमें से लगभग चार करोड़ लोग टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। अमेरिका में वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को बिना मास्क के घर से बाहर निकलने की बात कही गई है। बिना मास्क के घर से बाहर निकलने की चर्चा भारत सहित दुनिया भर में हो रही है। लेकिन भारत जैसे देश में कोरोना की दोनों डोज ले चुके लोगों को बिना मास्क पहने घर से बाहर निकलने की सलाह नहीं दी गई है। अमेरिका और भारत में 'ब्रेकथ्रू इंफेक्शन' के केस मिले हैं। यानि ऐसे लोग जो कोरोना टीके का डोज पूरी तरह से ले चुके हैं, उनमें कुछ समय बाद दोबारा संक्रमण मिला।
अमेरिका टीका लगवा चुके लोगों को मास्क न पहनने की सलाह
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ह्वाइट हाउस में अपनी कैबिनेट की एक विशेष बैठक के बाद कहा कि 'दोस्तों यदि आप कोरोना की वैक्सीन पूरी तरह से लगवा चुके हैं तो आपको अब मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। आप ने यदि टीका नहीं लगवाया है तो जाकर वैक्सीन लगवाएं। जब तक आप पूरी तरह से टीका नहीं लगवा लेते तब तक मास्क जरूर पहनें।' जाहिर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने मास्क उतारने की बात उन लोगों के लिए कही जिन्होंने कोरोना से बचाव के लिए पूरी तरह से वैक्सीन लगवा लिया है।
सीडीसी के सुझावों पर दुनिया भर की नजर
अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) दुनिया की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी है। कोविड-19 संकट पर इस एजेंसी के सुझावों एवं गाइडलाइन पर दुनिया भर के देशों की नजर रहती है। सीडीसी की वैज्ञानिकों एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों की कोरोना महामारी पर राय और कोविड प्रोटोकॉल का ज्यादातर देश अनुसरण करते हैं। हालांकि, मास्क न पहनने को लेकर सीडीसी के इस सुझाव पर अमेरिकी नागरिकों ने अमेरिका की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी ने पूरी तरह टीका लगवा चुके लोगों को दोबारा संक्रमित होने की बात मानी है। ऐसे में मास्क न पहनने की सलाह सवालों के घेरे में आनी लाजिमी है।
टीका लगवा चुके लोगों में मिला 'ब्रेकथ्रू इंफेक्शन'
सीडीसी का कहना है कि अमेरिका में 9000 से ज्यादा 'ब्रेकथ्रू इंफेक्शन' के मिले हैं। (ब्रेकथ्रू इंफेक्शन का मतलब होता है-कोरोना टीके का पूरा डोज या दोनों डोज लेने के 19 सप्ताह बाद दोबारा से संक्रमित हो जाना)। यही नहीं अमेरिका में 130 लोग ऐसे भी थे जिन्होंने टीके का संपूर्ण डोज लिया था लेकिन उनकी मौत हो गई। हालांकि, सीडीसी ने पूरी तरह से टीका लगवा चुके लोगों को बस, फ्लाइट और ट्रेन में यात्रा करते समय मास्क पहनने की सलाह दी है।
नागपुर के कई डॉक्टरों में मिला 'ब्रेकथ्रू इंफेक्शन'
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक नागपुर के कई डॉक्टरों में 'ब्रेकथ्रू इंफेक्शन' के केस मिले हैं। इनमें से कुछ डॉक्टरों में हल्का लक्षण मिला है जबकि कुछ को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। टीओआई से बातचीत में डॉ. एजाज खान ने कहा, 'कोरोना टीके की दूसरी डोज लेने के दो सप्ताह बाद मेरे अंदर बुखार का लक्षण दिखाई दिया। यह लक्षण हल्का था और कुछ दिनों तक रहा। हालांकि, एक सप्ताह के बाद मैं पूरी तरह से ठीक हो गया।' डॉ. खान का कहना है, 'कोई भी वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रतिरोधक क्षमता नहीं देती। यहां तक कि टीके का दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमित होने का खतरा है लेकिन वैक्सीन गंभीर रूप से बीमार नहीं होने देती।'
गुलेरिया ने मास्क पहनने की दी है सलाह
गत शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना टीके की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को मास्क पहनने एवं शारीरिक दूरी बनाकर रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है। नए वायरस से वैक्सीन कितनी सुरक्षा देगी, इस पर अनिश्चितता बनी हुई है। अमेरिका में मास्क न पहनने के सुझाव पर भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मन में सवाल हैं। यहां के विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का सुझाव की सलाह देना जल्दबाजी होगी। हमें सावधान रहने की जरूरत है। गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के नए-नए स्वरूप सामने आ रहे हैं ऐसे में मास्क पहनना और शीरीरिक दूरी बनाकर रहना जरूरी है। मास्क पहनने और कोविड उचित व्यवहार का पालन करने से संक्रमण से बचने में मदद मिलेगी।