- सांस की तकलीफ, सीने में दर्द और बुखार आदि सामान्य लक्षण
- मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, बदली गंध-स्वाद भी सबसे प्रचलित सिम्टम्स
- किन लोगों को होता है लॉन्ग कोविड का सबसे अधिक जोखिम
वैक्सीन आने के बाद भले ही देश-दुनिया में कोरोना वायरस का डर थोड़ा कम हो गया हो, मगर इस ढीट वायरस ने विश्व का पीछा नहीं छोड़ा है। हल्के-फुल्के लक्षणों से लेकर लॉन्ग कोविड के रूप में यह हमारे बीच अपनी यात्रा कर रहा है। पर अब यह लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों, उनकी जिंदगी की क्वालिटी और काम करने की क्षमता पर असर डाल रहा है। यह बात हम नहीं कह रहे, बल्कि हाल ही में एक स्टडी में सामने आई है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में मेडिकल जरनल नेचर मेडिसिन (Nature Medicine) में छपे एक अध्ययन के हवाले से बताया गया कि कोविड संक्रमण से जुड़े लक्षणों में एनोस्मिया, सांस की तकलीफ, सीने में दर्द और बुखार आदि शामिल हैं। वैसे, इसमें कई और लक्षण भी हैं, जिन्हें पहले व्यापक रूप से रिपोर्ट नहीं किया गया था। मसलन बालों का झड़ना और यौन रोग।
ये सबसे प्रचलित लक्षण
एक स्टडी से पता चला है कि लॉन्ग कोविड के लक्षण (हालांकि आमतौर पर इन्फ्लूएंजा जैसे अन्य वायरल संक्रमण वाले रोगियों में देखे जाते हैं) कोरोना संक्रमण के बाद अधिक बार होते हैं। कई सिस्टमैटिक रिव्यू (व्यवस्थित समीक्षाओं) ने थकान, सांस की तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, खांसी, सीने में दर्द, बदली गंध, परिवर्तित स्वाद और दस्त होने के सबसे प्रचलित लक्षण दिखाए हैं।
वैसे, पिछली स्टडी अक्सर सेल्फ रिपोर्ट किए लक्षणों पर आधारित थी। साथ ही एक नियंत्रण समूह की कमी थी, जिससे यह अनुमान लगाना मुश्किल हो गया कि क्या रिपोर्ट किए गए लक्षण कोविड-19 संक्रमण, पहले से मौजूद गंभीर बीमारियों (Comorbidities) या महामारी से जुड़े सामाजिक प्रभावों के कारण थे।
सिगरेट पीने वालों पर कितना असर?
यही नहीं, अस्पताल में भर्ती ग्रुप्स में बीते कई अध्ययन किए गए थे और SARS-CoV-2 संक्रमण वाले गैर-अस्पताल में भर्ती व्यक्तियों की ओर से महसूस किए गए लक्षणों के संभावित फैलाव पर जनसंख्या-स्तर के डेटा दुर्लभ हैं। धूम्रपान करने वालों और पूर्व धूम्रपान करने वालों को लंबे समय तक कोविड लक्षणों की रिपोर्ट करने का जोखिम उन लोगों की तुलना में था, जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया था। अधिक वजन या मोटापे की सीमा में बेसलाइन बीएमआई भी लगातार लक्षणों के बढ़ते जोखिम से जुड़ा था।
घटती उम्र वालों में जोखिम बढ़ा मिला
महिलाओं, एथनिक माइनॉरिटी ग्रुप्स (जातीय अल्पसंख्यक समूह), सामाजिक आर्थिक अभाव में वृद्धि, धूम्रपान और पूर्व धूम्रपान, अधिक बीएमआई और को-मॉर्बिडिटी की एक विस्तृत सीरीज सभी रिपोर्टिंग लक्षणों के बढ़ते जोखिम से जुड़े थे> = संक्रमण के 12 सप्ताह बाद। घटती उम्र के साथ लक्षणों की रिपोर्ट करने का जोखिम भी बढ़ा हुआ पाया गया।
कोविड लक्षण वाले अध्ययन (COVID Symptom Study) में यह भी पाया गया कि लंबे समय तक कोविड का रिश्ता बीएमआई और महिला सेक्स में इजाफे से था, जो हमारे निष्कर्षों के अनुरूप है। हालांकि, अध्ययन में यह भी पाया गया कि उम्र के साथ लंबे समय तक कोविड लक्षणों की रिपोर्ट करने का जोखिम बढ़ता गया, जबकि हमारे अध्ययन में संभावित Confounders की एक विस्तृत सीरीज के समायोजन के बाद विपरीत प्रवृत्ति देखी गई। वैसे, कोरोना लक्षण अध्ययन समुदाय आधारित है और इसमें अस्पताल में भर्ती और गैर-अस्पताल में भर्ती COVID-19 के इतिहास वाले व्यक्ति शामिल हैं।