- लॉस एंजिलिस की .यात्रा के दौरान सैंकड़ों लोगों के संपर्क में आए थे वेंकरा राघव
- आठ मार्च को बेंगलुरु आए और टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव निकले
- अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वेंकरा राघव बोले- कोरोना से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत
नई दिल्ली। पूरे देश में अब तक कोरोना संक्रमण के कुल 1251 मामले सामने आ चुके हैं। इस रोग से 32 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत के करीब 27 राज्य कोरोना की चपेट में हैं। लेकिन लोग अस्पतालों से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हो रहे हैं। यहां पर हम बेंगलुरु के रहने वाले वेंकरा राघव का जिक्र करेंगे जो कोरोना से पीड़ित थे। लेकिन अब वो कोरोना को मात देने के बाद अपने अनुभव को साझा कर रहे हैं। वो कहते हैं कि इस रोग से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ सामना करने की आवश्यकता है।
कोरोना को मात दे चुके हैं वेंकरा राघव
कोरोना संक्रमण से आजाद हो चुके बेंगलुरु के रहने वाले वेंकरा राधव बताते हैं कि वो इस समय बिल्कुल स्वस्थ हैं, पहले की तरह काम कर रहे हैं। वो लंदन के जरिए लॉस एंजिलिस जा रहे तो वो बहुत से लोगों के संपर्क में आए थे। ऐसा हो सकता है कि उसी दौरान वो कोरोना संक्रमण के शिकार हुए होंगे। वो आठ मार्च को बेंगुलुरु एयरपोर्ट पर उतरे, उस समय उन्हें बुखार था और खुद को अलग कर लिया।
कोरोना से डरने की जगह करें मुकाबला
आठ मार्च को ही वो अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर को ट्रैवेल हिस्ट्री दिखाई। टेस्ट में वो कोरोना पॉजिटिव निकले। अगले दिन उन्हें आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कराया गया। लेकिन अच्छी बात यह रही है को उनका पूरा कोरोना संक्रमण से बच गया था। कोविड-19 के बारे में वो कहते हैं कि यह रेगुलर वायरल फीवर की ही तरह है। इसलिए भयभीत होने की जरूरत नहीं है। आइसोलेशन सेंटर में मरीज को अपनी देखभाल खुद करनी पड़ती है जो कि सामान्य तौर दूसरे मरीजों की सेवा नर्स करती हैं।