- मणिपुर हमला: शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के दादा रह चुके हैं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
- शहीद कर्नल त्रिपाठी के भाई भी हैं सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल
- 2001 में लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना में शामिल हुए थे कर्नल विप्लव
रायपुर/रायगढ़: मणिपुर में शनिवार को उग्रवादियों के घात लगाकर किए गए हमले में शहीद हुए कर्नल विप्लव त्रिपाठी (Colonel Viplav Tripathi) को देशभक्ति विरासत में मिली थी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं संविधान निर्माता सभा के सदस्य रहे उनके दादा किशोरी मोहन त्रिपाठी के दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ते हुए त्रिपाठी परिवार के दोनों बेटों ने सैनिक बनकर देश की सेवा करने का फैसला किया था। रायगढ़ शहर की किरोड़ीमल कॉलोनी में रहने वाले त्रिपाठी परिवार के मकान के सामने दोपहर बाद से लोगों की भीड़ लगी हुई है। सभी की आंखे नम हैं, लेकिन गर्व की अनभूति भी है। परिवार के सदस्यों को यकीन ही नहीं हो रहा है कि सुबह फोन पर अपनी कुशलता की जानकारी देने वाले कर्नल विप्लव और उनका परिवार कुछ देर बाद ही उग्रवादी हमले का शिकार हो गया।
शनिवार को हुई थी परिवार से बातचीत
मणिपुर के चुराचन्दपुर जिले में शनिवार को उग्रवादी हमले में असम राइफल्स के खुगा बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल त्रिपाठी (41), उनकी पत्नी अनुजा (36), बेटे अबीर (पांच) तथा अर्धसैनिक बल के चार जवानों की मौत हो गई। कर्नल त्रिपाठी के मामा राजेश पटनायक ने बताया कि शनिवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे त्रिपाठी की अपनी मां आशा त्रिपाठी से बातचीत हुई थी, लेकिन दोपहर बाद कर्नल विप्लव के माता-पिता को अपने बेटे, बहू और पोते की मौत की खबर मिली।
2001 में हुए सेना में शामिल
पटनायक ने बताया कि विप्लव के भीतर देश भक्ति का जज्बा अपने दादा किशोरी मोहन त्रिपाठी के कारण पैदा हुआ था। उनके दादा संविधान सभा के सदस्य थे और क्षेत्र के जाने माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। विप्लव जब 1994 में 14 वर्ष के थे, तब किशोरी मोहन त्रिपाठी का निधन हो गया था। उन्होंने बताया कि विप्लव को अपने दादा से बहुत लगाव था। पटनायक ने बताया कि विप्लव 2001 में लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। उनका ध्येय अपने दादा की तरह देश की सेवा करना था। उनके पत्रकार पिता और सामाजिक कार्यकर्ता मां ने भी ऐसा करने के लिए उन्हें प्रेरित किया।
पटनायक ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके भांजे ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है।
आईएमए से पासआउट
पटनायक ने बताया कि 30 मई, 1980 को जन्मे विप्लव रायगढ़ शहर के एक स्कूल से पांचवीं कक्षा पास करने के बाद सैनिक स्कूल, रीवा (मध्य प्रदेश) में भर्ती हो गए थे। उनके पिता सुभाष त्रिपाठी (76) स्थानीय हिंदी दैनिक 'दैनिक बयार' के प्रधान संपादक हैं तथा मां आशा त्रिपाठी सरकारी कन्या महाविद्यालय से सेवानिवृत्त लाइब्रेरियन हैं। उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा के बाद विप्लव को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), खड़कवासला और फिर भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून में प्रवेश मिला। विप्लव के मामा ने बताया कि 2001 में विप्लव को रानीखेत में कुमाऊं रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने बाद में डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन से कमांड कोर्स पास किया।
भाई भी आर्मी अफसर
उन्होंने बताया कि विप्लव के छोटे भाई अनय त्रिपाठी भी सैनिक स्कूल रीवा से पढ़ाई करने के बाद सेना में भर्ती हो गए। वह वर्तमान में शिलांग में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं। पटनायक ने बताया कि अनय शुक्रवार की रात ही शिलांग से रायगढ़ पहुंचे थे, और आज उन्हें अपराह्न करीब साढ़े 12 बजे अपने सैन्य माध्यमों से यह खबर मिली कि उनके बड़े भाई हमले में शहीद हो गए हैं।उन्होंने बताया कि इस वर्ष पूरे त्रिपाठी परिवार ने मणिपुर में मिलकर दीपावली मनाई थी और त्यौहार मनाने के बाद उनके माता-पिता छह नवंबर को रायगढ़ लौट आए थे। पटनायक ने बताया कि अनय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय के लिए कोलकाता रवाना हो गए हैं। विप्लव, उनकी पत्नी और बेटे का पार्थिव शरीर रविवार को रायगढ़ पहुंचेगा।