- देश में जनवरी से कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन लग रही है
- वैक्सीन लगने के बाद भी कई लोगों को कोरोना हुआ है
- देश में कोरोना के कई वेरिएंट हैं, जो कि काफी संक्रामक हैं
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन एक अहम और बड़ी हथियार है। जनवरी से देश में टीकाकरण अभियान जारी है। हालांकि अभी जब देश कोविड 19 की दूसरी लहर की चपेट में आया तो कई ऐसे लोग भी संक्रमित हो गए, जो टीका लगवा चुके थे। हालांकि वैक्सीन को लेकर शुरू से कहा गया कि ऐसा जरूरी नहीं है कि टीका लगने के बाद कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होगा, लेकिन इससे उसे सुरक्षा जरूर मिलेगी।
कोरोना पर लगातार विचार रखने वाले डॉ. फहीम यूनुस ने कहा है कि भारत, चिली, बहरीन में टीकाकरण के बावजूद इतने लोगों को कोविड क्यों हो रहा? इसके पीछे उन्होंने 2 कारण बताए:
1) ऐसे देशों में अधिक कोरोना के कई संक्रामक वेरिएंट हैं।
2) संभव है कि इन वेरिएंट पर वैक्सीन कम काम कर रही है।
इसके बावजूद वो कहते हैं कि फिर भी लोगों को जो भी टीका उपलब्ध है उसे अवश्य लेना चाहिए। इससे कोरोना के प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
ध्यान देने की जरूरत है कि अभी जो वैक्सीन लगाई जा रही हैं, उसकी दो डोज लेना आवश्यक है। ऐसे में ये ध्यान रखना होगा कि पहली डोज लगते ही आपके शरीर में कोरोना के खिलाफ लड़ने की क्षमता विकसित नहीं हो जाएगी। दरअसल, जब वैक्सीन लगती है तो दूसरी डोज के 15 दिन बाद वायरस से लड़ने की क्षमता बनती है। ऐसे में वैक्सीन लगने के बाद भी कई दिनों तक पूरी तरह सावधानी बरतना जरूरी है। हालांकि वैक्सीन लगने के बाद कोई संक्रमित हुआ है तो वह वायरस से गंभीर प्रभावित नहीं होगा। शरीर के अंदर उस वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी जल्दी बनने लगती है और व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार नहीं होता।