नई दिल्ली: एक फैसले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि पत्नी फैमिली पेंशन के लिए पात्र होगी, भले ही वह अपने पति की हत्या कर दे। अदालत ने 25 जनवरी को हरियाणा के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'पति की हत्या करने पर भी पत्नी को पारिवारिक पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता है। पारिवारिक पेंशन एक कल्याणकारी योजना है जिसे सरकारी कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था। आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जाने पर भी पत्नी पारिवारिक पेंशन की हकदार है।'
यह फैसला अंबाला की बलजीत कौर द्वारा दायर की गई एक याचिका की सुनवाई के दौरान आया। इसमें अदालत को बताया गया कि उनके पति तरसेम सिंह हरियाणा सरकार के एक कर्मचारी थे, जिनका 2008 में निधन हो गया था। 2009 में बलजीत पर हत्या के लिए मामला दर्ज किया गया था और बाद में 2011 में उन्हें दोषी ठहराया गया था।
बलजीत कौर को 2011 तक पारिवारिक पेंशन मिल रही थी, लेकिन हरियाणा सरकार ने सजा के तुरंत बाद उनकी पेंशन रोक दी। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार के आदेश को दरकिनार करते हुए संबंधित विभाग को याचिकाकर्ता की पारिवारिक पेंशन दो महीने के भीतर लंबित बकाया के साथ जारी करने का निर्देश दिया है।
पति की मृत्यु के बाद पत्नी सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के तहत पारिवारिक पेंशन की हकदार है। सरकारी कर्मचारी की विधवा पुनर्विवाह के बाद भी पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए पात्र है।