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Captain Amarinder Singh: तो क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस छोड़ देंगे उनके बयान से समझिए

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Updated Sep 18, 2021 | 20:29 IST

क्या कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह के रुकने की कीमत नवजोत सिंह सिद्धू के सीएम ना बनने की होगी। सीएलपी ने सीएम के दावेदार पर फैसला लेने की जिम्मेदारी सोनिया गांधी पर छोड़ रखी है।

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तो क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस छोड़ देंगे उनके बयान से समझिए
मुख्य बातें
  • इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जमकर निकाली भड़ास
  • नवजोत सिंह सिद्धू को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया
  • 'नवजोत सिंह सिद्धू को अगर पंजाब की कमान दी गई तो पूरजोर विरोध करेंगे'

सियासत नदी की बहती धार की तरह है जिसने धार की रफ्तार के साथ चलने का फैसला किया उसका रास्ता आसान होता है लेकिन धार की रफ्तार के विपरीत रास्ता कंटीला।  क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह उस राह पर जाएंगे। पंजाब की सियासत में अमरिंदर सिंह के शनिवार का दिन भारी पड़ा। सोनिया गांधी से उनकी सुबह बात हुई तो वो बोलीं आई एम सॉरी अमरिंदर। इन चार शब्दों में सब कुछ साफ था या तो गद्दी खुद छोड़िए या आगे का फैसला आप जानते हैं। राजनीति के चतुर खिलाड़ी अमरिंदर सिंह को बात समझ में आई, शाम साढ़े चार बजे राजभवन  पहुंचे और इस्तीफा दे दिया। उसके साथ ही प्रेस कांफ्रेंस के लिए राजभवन के गेट का चुनाव किया और साफ साफ लफ्जों में बहुत कुछ कह दिया कि अब कांग्रेस में उनका भविष्य या उनके में पंजाब कांग्रेस का भविष्य है।  

नवजोत सिंह सिद्धू का नाम लेकर बहुत कुछ कह गए अमरिंदर सिंह
सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने TimesNow नवभारत से खास बातचीत की और एक शख्स जिसके ऊपर वो सबसे ज्यादा बिफरे वो नवजोत सिंह सिद्धू थे। नवजोत सिंह सिद्धू को ना सिर्फ अयोग्य बताया बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा तक बताया। उन्होंने कहा कि इमरान खान और पाक आर्मी चीफ के साथ उनकी दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। अगर उस शख्स के हाथों में पंजाब सौंपा गया तो खुलकर विरोध करेंगे। अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिद्धू जब मंत्री थे तो सात महीने तक सरकारी फाइलों को हाथ नहीं लगाया ऐसे में आप उन पर भरोसा कर सकेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर सिद्धू को सीएम पद की जिम्मेदारी मिली तो वो नख से सिर तक विरोध करेंगे। अब इसे जानकार कहते हैं कि यह एक तरह से कांग्रेस से अलग होने का संकेत है। 


52 साल की राजनीतिक पारी का खास जिक्र
इस्तीफे के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पिछले 52 वर्षों से वो राजनीति में हैं, राजनीति में हर एक शख्स का फ्यूचर प्लान होता है जाहिर है उनका भी है। लेकिन पार्टी में उनकी भूमिका क्या होगी या उससे अलग वो किस रास्ते का चुनाव करेंगे सोचा नहीं है। आगे के बारे में किसी तरह का फैसला समर्थकों के राय पर निर्भर करेगा। लेकिन जानकार कहते हैं कि सियासी लड़ाई में कांग्रेस में अब कैप्टन साहब को आलाकमान का साथ नहीं तो जाहिर है कि उन्हें उन फैसलों पर चलना या मानना पड़ेगा जो पार्टी के अध्यक्ष कहेंगे। अब जाहिर है कि पार्टी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू हैं तो टकराव पर हाल्ट लगने जैसी स्थित का निर्माण हो पाना संभव नहीं हो सकेगा। वैसी सूरत में कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए कांग्रेस में रुकने का विकल्प कम है। 

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