नई दिल्ली : असम सरकार में मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने 'लव जिहाद' के खिलाफ बड़ा बयान दिया है। सरमा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2021 के विधानसभा चुनाव यदि जीतकर सत्ता में आती है तो वह सोशल मीडिया पर पहचान छिपाकर असमी लड़कियों को लुभाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। भाजपा नेता ने एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरूद्दीन अजमल की राजनीति पर भी निशाना साधा। वहीं, विपक्ष ने इसे भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति करार दिया है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
सरमा का यह बयान ऐसे समय आया है जब उनके मरदसे के बयान पर भाजपा पहले से ही विरोधी दलों के निशाने पर है। सरमा ने शनिवार को कहा, 'हम नवंबर से असम में संचालित मदरसों को बंद कर देंगे। इसको लेकर सरकार एक नोटिफिकेशन जारी करेगी।' 'लव जिहाद' के बारे में बयान देकर सरमा ने विपक्षी दलों के लिए एक नया मोर्चा खोल दिया है।
सरमा ने कहा, 'हमने विधानसभा में सरकार की पॉलिसी की घोषणा की है। सरकार की फंडिंग से राज्य में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी। निजी तरीके से चलने वाले मदरसा एवं संस्कृत स्कूलों के बारे में हमें कुछ नहीं कहना है।' मंत्री ने कहा कि इस बारे में एक विधिवत अधिसूचना नवंबर महीने में जारी होगी। उन्होंने कहा कि मदरसा बंद किए जाने के बाद संविदा पर रखे गए 48 शिक्षकों का स्थानांतरण शिक्षा विभाग में किया जाएगा।
एआईयूडीएफ के प्रमुख अजमल ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। अजमल ने कहा कि भाजपा सरकार यदि राज्य सरकार की ओर से संचालित मदरसों को बंद करने का फैसला करती है तो 2021 में सत्ता में आने के बाद उनकी पार्टी इन शैक्षणिक स्कूलों को दोबारा खोलेगी। उन्होंने कहा, 'मदरस को बंद नहीं किया जा सकता। भाजपा सरकार यदि जबरन इन मदरसों को बंद करती है तो हम इन 50-60 मदरसों को दोबारा खोलेंगे।'