- ED ने येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के मुंबई स्थित आवास पर छापेमारी की
- राणा कपूर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है
- ED ने छापेमारी के दौरान यस बैंक से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला है
- येस बैंक का बोर्ड भंग किए जाने के बाद ग्राहकों में भारी चिंता देखी जा रही है
मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को येस बैंक (Yes Bank) के संस्थापक राणा कपूर (Rana Kapoor) के मुंबई स्थित आवास पर छापा मारा। गौरतलब है कि कपूर के खिलाफ धनशोधन के मामले की जांच चल रही है।अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी उनके समुद्र महल आवास पर की जा रही है।
यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत की गई है तथा इसका उद्देश्य और सबूत जुटाना है। राणा कपूर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है मतलब राणा कपूर जांच पूरी होने तक देश से बाहर नहीं जा पाएंगे।
छापेमारी उनके आवास पर की गई, ईडी ने राणा कपूर के खिलाफ केस भी दर्ज किया है, ईडी ने छापेमारी के दौरान यस बैंक से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला है। ईडी की तरफ से हालांकि इस छापेमारी को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
गौरतलब है कि RBI ने बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया हैं भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व उप प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
रिजर्व बैंक द्वारा येस बैंक के ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय करने के बाद बैंक की विभिन्न शाखाओं में परेशान ग्राहकों के फोन आते रहे और शाखाओं में लंबी कतारें देखी गईं।
ग्राहकों में भारी चिंता देखी जा रही है
येस बैंक का बोर्ड भंग किए जाने के बाद ग्राहकों में भारी चिंता देखी जा रही है और बैंक ग्राहक अपने पैसे को लेकर परेशान हैं कि उनकी गाढ़ी कमाई का क्या होगा ऐसा इसलिए है क्योंकि बैंक के ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय कर दी गई है। ऐसे हालात में अब ग्राहकों को समझ नहीं आ रहा है कि उनके जमा पैसे का क्या होगा।
परेशान ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला, इसके अलावा बैंक के कर्मचारियों और ग्राहकों के बीच तीखी बहस होने की घटनाएं भी सामने आई हैं। रिजर्व बैंक ने येस बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय की है। यह व्यवस्था 30 दिन के लिए की गई है।
वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को पूरे मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि यस बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक की नजर साल 2017 से ही थी, जो लगातार उसकी समीक्षा कर रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक ग्राहकों को दिलाया भरोसा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने येस बैंक के खाताधारकों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित है और यह नहीं डूबेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे मामले पर रिजर्व बैंक की नजर है, जो तेजी से इसके समाधान करने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद भी इसे लेकर आरबीआई के साथ लगातार संपर्क में हैं। आरबीआई ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही इसका समाधान निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'मैं येस बैंक के ग्राहकों को भरोसा दिलाना चाहती हूं कि हर जमाकर्ता का धन सुरक्षित है।'
'Yes Bank की नौकरी 1 साल तक सुरक्षित'
आरबीआई द्वारा घाटे में चल रहे येस बैंक के बोर्ड को भंग किए जाने से उपजी चिंताओं को लेकर उन्होंने कहा, 'यह कदम जमाकर्ताओं, बैंक और अर्थव्यवस्था के हित में उठाया है। सरकार लगातार आरबीआई के संपर्क में है और उसने भरोसा दिलाया है कि किसी भी जमाकर्ता को कोई नुकसान नहीं होगा। वित्त मंत्री ने येस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी, वेतन पर भी अपनी बात रखी और कहा कि ये सब एक साल तक सुरक्षित हैं।
RBI 2017 से ही येस बैंक पर नजर बनाए हुए था
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आरबीआई वर्ष 2017 से ही येस बैंक पर नजर बनाए हुए है, जिस दौरान प्रशासन संबंधी मसले, कमजोर अनुपालन, गलत परिसंपत्ति वर्गीकरण की बात सामने आई है।