- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को नोएडा में जिले के अधिकारियों के साथ की बैठक
- कोरोना वायरस की चुनौतियों से निपटने में प्रशासन की आधी-अधूरी तैयारी पर हुए नाराज
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लगाई फटकार, कहा-निर्देश के बावजूद काम नहीं हुआ
नोएडा : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को नोएडा में कोरोना वायरस से लड़ने की सरकार की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने नोएडा से बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन नहीं रोक पाने के लिए जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को फटकार लगाई। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी की फटकार के बाद गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने तीन महीने की छुट्टी मांग ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए राज्य सरकार ने दो महीने पहले निर्देश जारी किए थे लेकिन निर्देश के हिसाब से कामकाज नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि योगी की फटकार के बाद गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने तीन महीने की छुट्टी मांग ली। डीएम ने इस छट्टी के लिए अपने निजी कारणों का हवाला दिया है। मुख्यमंत्री ने जिले के लिए कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए थे लेकिन जिला प्रशासन कंट्रोल रूम स्थापित नहीं कर पाया।
बैठक में मुख्यमंत्री योगी के साथ मुख्य सचिव भी मौजूद थे। बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से अब तक 88 मामले सामने आए हैं और इनमें सबसे ज्यादा संख्या गौतमबुद्ध नगर की है। अकेले गौतमबुद्ध नगर से कोरोना वायरस से संक्रमण के 36 केस सामने आए हैं। इसके बाद संक्रमण की सर्वाधिक संख्या मेरठ से है। मेरठ से संक्रमण के 13 मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश में संक्रमित 14 लोगों को ठीक भी किया गया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री सोमवार दो बजे करीब नोएडा पहुंचे और इसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए योगी सरकार की पूरी मशीनरी सक्रिय है। खुद मुख्यमंत्री इस वायरस से प्रकोप से लड़ने के लिए शुरू की गईं सेवाओं एवं तैयारियों पर नजर रख रहे हैं। बीते दिनों में बड़ी संख्या में मजदूर यूपी में अपने घर की तरफ रवाना हुए। समझा जाता है कि योगी इस बात से गौतमबुद्ध नगर प्रशासन से नाराज हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की अगुवाई में 11 कमेटियां गठित की हैं।