कोरोना वायरस लॉकडाउन में देश के कोने कोने में फंसे मजदूरों और छात्रों को यूपी लाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार अब विदेश में फंसे लोगों की 'घर वापसी' कराने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका पूरा खाका खींच लिया है। जल्द ही दुनिया के अलग अलग देशों में फंसे यूपी के नागरिक यहां पहुंचने लगेंगे। इसके लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस संबंध में मंगलवार को योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों से वापस न लौट पा रहे उत्तर प्रदेशवासियों के आगमन तथा यहां निवासित अन्य राज्य के लोगों के प्रस्थान को सुगम बनाने के उद्देश्य से जनसुनवाई पोर्टल पर पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराना एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों के अपने प्रदेश वापस आने के लिए जनसुनवाई पोर्टल http://jansunwai.up.nic.in पर पंजीकरण प्रारंभ हो गया है और इच्छुक लोगों ने पंजीकरण करने शुरू कर दिए हैं।
अब इसके बाद सरकार विदेशों में फंसे प्रवासियों को वापस लाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में विभिन्न देशों में फंसे भारतवासियों का आगमन प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश में वायुमार्ग से देश वापस आने वाले लोगों को क्वॉरंटीन करने की सुचारू व्यवस्था की जाएगी। लखनऊ तथा वाराणसी हवाई अड्डों के साथ-साथ हिण्डन एयरपोर्ट पर मेडिकल स्क्रीनिंग के प्रबंध सुनिश्चित किए जाएगी। बता दें कि विदेश मंत्रालय के सहयोग से यूपी के ऐसे लोग जो विदेशों में हैं उन्हें लाने की योजना की तैयारी करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है।
6.50 लाख से अधिक कामगार आए वापस
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 6.50 लाख से अधिक कामगारों व श्रमिकों को वापस लाने में सफलता हासिल की है। 29 मार्च तक 6 लाख से अधिक कामगारों को वापस लाकर उनके उपचार की व्यवस्था की। उनके लिए खाद्यान्न की व्यवस्था के साथ ही ₹1000 का भरण-पोषण भत्ता देकर होम क्वारन्टीन हेतु उनके घर भेजा गया है।