- सुशांत केस की जांच के लिए मुंबई पहुंचकर दो डीसीपी से भी पूछताछ कर सकती है सीबीआई टीम
- सुशांत के घर पर जाकर आत्महत्या के सीन का रिक्रएशन भी कर सकती है टीम
- सीबीआई की टीम मुंबई पुलिस से जांच की कॉपी भी लेगी- सूत्र
नई दिल्ली: सुशांत केस की जांच हाथ में आने के बाद अब सीबीआई की टीम किसी भी समय मुंबई पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर सकती है। कुछ समय पहले ही यह बात सामने आई थी कि डीसीपी त्रिमुखे रिया चकवर्ती के संपर्क में थे। इसी साल फरवरी माह के दौरान सुशांत के जीजा और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह ने बांद्रा पुलिस उपायुक्त परमजीत सिंह दहिया को मैसेज कर सुशांत की जिंदगी पर खतरे की आशंका जताई थी। लेकिन इसके बाद भी मुंबई पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे जो इस जांच टीम का हिस्सा थे वो रिया से संपर्क में थे, इसकी जांच भी सीबीआई करेगी।
सीबीआई टीम लेगी मुंबई पुलिस से जानकारी
खबरों की मानें तो सीबीआई की टीम में दो एसपी, एक जांच अधिकारी शामिल हैं। एसआईटी टीम इस दौरान इस केस से संबंधित लोगों से पूछताछ कर सकती हैं। मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम मुंबई पुलिस से जांच डायरी और रिकार्ड भी ले सकती है। इसके अलावा सीबीआई मुंबई पुलिस से सुशांत केस की केस डायरी, ऑटोप्सी रिपोर्ट, क्राइम सीन के फोटोग्राफ तथा मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज किए गए गवाहों के बयान की कॉपी भी लेगी।
महाविकास अघाड़ी में दो राय
वहीं महा विकास अघाड़ी सरकार में भी इस केस को लेकर अलग-अलग राय हैं। शिवसेना जहां सीबीआई जांच नहीं चाहती है वहीं एनसीपी और कांग्रेस को सीबीआई जांच को लेकर कोई ऐतराज नहीं है। वहीं अजित पवार के बेटे ने भी ट्वीट कर सत्यमेव जयते हुए लिखते हुए एक तरह से सीबीआई जांच का समर्थन किया था। बुधवार को ही सीबीआई प्रवक्ता आर के गौर ने कहा, ‘सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जांच चल रही है। सीबीआई का एक दल आगे जांच के लिए जल्द ही मुंबई जाएगा। इस स्तर पर अन्य विवरण साझा नहीं किया जा सकता।’
सुशांत के घर पर जाएंगे सीबीआई अधिकारी
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, सीबीआई के अधिकारी मुंबई जाकर सुशांत के निवास स्थान पर जाएंगे और क्राइम सीन पर जाकर रीकन्स्ट्रक्शन' का इस्तेमाल करेंगे। इसके जरिए अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि सुशांत की मौत हत्या है या आत्महत्या। सीबीआई की जांच का आधार बिहार पुलिस की एफआईआर होगी जिसमें सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने, धोखाधड़ी और साजिश रहने के आरोपों के तहत आईपीसी की विभिन्न धारओं में मामले दर्ज किए गए हैं।