- दिल्ली के अस्पतालों में बड़ी तादाद में आ रहे डेंगू के मरीज
- राजधानी के सर गंगाराम अस्पताल में बनाया गया है डेंगू का डेडिकेटेड वॉर्ड
- यूपी और राजस्थान में भी लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले
नई दिल्ली: कोरोना का कहर कम हुआ, तो देश को डेंगू का डंक सताने लगा। देश के कई राज्यों में दिल्ली-एनसीआर से लेकर उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक डेंगू, मरेलिया और चिकनगुनिया का प्रकोप लगातार पढ़ता जा रहा है। सबसे खराब हालात दिल्ली की है। जहां डेंगू के मामलों (Dengue Cases in Delhi) में 15 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। इस वक्त दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के 221 मरीज भर्ती हैं। दिल्ली में लगाता डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। डेंगू वो बीमारी है जो रह रहकर दिल्ली को दर्द देती रहती है। एक नजर आंकड़ों पर-
- 2015 में दिल्ली में डेंगू के 14 हजार 889 केस रिपोर्ट हुए थे। 60 लोगों की मौत हुई थी।
- 2016 में 3650 केस सामने आए थे, इनमें से 10 लोगों की जान चली गई थी
- 2017 में 3829 मामले दर्ज हुए थे, 10 लोगों की मौत हुई थी।
- 2018 में 1595 केस रिपोर्ट हुए थे, 4 लोगों की मौत हो गई थी
- 2019 में 1069 केस सामने आए थे। 2 मरीजों की जान गई थी।
- 2020 में 612 मामले सामने आए थे। 1 की जान गई थी।
- लेकिन डेंगू अबकी बार डेंगू ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
- इस साल 16 अक्टूबर तक ही राजधानी में डेंगू 723 मरीज सामने आ चुके हैं और एक मरीज की मौत हो चुकी है।
लगातार बढ़ रहे हैं केस
दिल्ली के अस्पतालों में बड़ी तादाद में डेंगू जैसे लक्षण वाले मरीज पहुंच रहे हैं। हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व बेड्स की संख्या को कम कर दिया है। निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए रिजर्व 30 फीसदी बेडों की तादाद घटाकर अब सिर्फ 10 फीसदी कर दिया गया है।
राजस्थान में डेंगू ने पकड़ा जोर
डेंगू ने राजस्थान को भी जकड़ लिया है। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के जाल में जिंदगी इस कदर फंस रही है कि अस्पतालों के बाहर और अंदर मरीजों की लंबी कतारें लगी हैं। ये वो लाइन है, जो राजस्थान में सरकारी इंतजामों और स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल रही हैं। राजस्थान में पिछले साल डेंगू के 1331 मरीज थे लेकिन इस साल एक ही महीने में आंकड़ा साढ़े 6 हजार को पार कर गया है। राजस्थान के 33 में से करीब 30 जिले डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। जयपुर में करीब 1500 मरीज सामने आए हैं। कोटा में डेंगू पेशेंट की संख्या 700 के पार है। कोटा में तो एक ही बैड पर कई लोगों को एक साथ इलाज करना पड़ रहा है। करौली, झालावाड़, अलवर, चुरू में भी डेंगू के डंक से तंग हैं। लेकिन बताया जाता है कि इससे करीब 100 लोगों की जान जा चुकी है।
यूपी भी डेंगू की जद में
डेंगू उत्तर प्रदेश के कई जिलों को भी अपनी जद में ले रहा है। प्रयागराज और मुरादाबाद में ऐसे मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है। देश के कई राज्यों और तमाम शहरों में सूरतेहाल ये है कि कोरोना के बाद अब डेंगू जिंदगी पर खतरा बनकर मंडरा रहा है। इस खतरे को परास्त करना जरूरी है, पर फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।