'धाकड़ एक्सक्लूसिव' में बात एक बार फिर तालिबान की। पाकिस्तान और चीन की मदद से तालिबान की ताकत बेतहाशा बढ़ती जा रही है। अफगानिस्तान की जेलों से हिंदुस्तान के कई बड़े दुश्मन फरार हो चुके हैं...और ऐसा ही एक नाम है आतंकी एजाज अहमद अहंगर। श्रीनगर का एक कश्मीरी आतंकवादी एजाज अहमद अहंगर उर्फ अबू उस्मान अल कश्मीरी तालिबान के सत्ता में आने के बाद जेल से फरार हो गया है। अप्रैल 2020 में अफगान सेना ने अहंगर को गिरफ्तार किया था। अहंगर भारतीयों को आतंकवादी संगठनों में भर्ती कराने के लिए जाना जाता है। अहंगर के फरार होने के बाद भारतीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। आशंका ये है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अहंगर को PoK में पनाह दे सकती है और जम्मू-कश्मीर में दम तोड़ रहे आतंकवाद को जिंदा करने के लिए अहंगर का इस्तेमाल कर सकती है।
एजाज अहमद अहंगर उर्फ अबू उस्मान अल कश्मीरी जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा दुश्मन है। इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू कश्मीर का आतंकवादी पहले अल-कायदा में शामिल हुआ और उसके बाद ISKP यानी इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत में शामिल हो गया और पाकिस्तान से अफगानिस्तान पहुंच गया। भारत की खुफिया एजेंसियां इस बात चिंतित हैं कि ISI-तालिबान-ISKP और आतंकवादी अहंगर भारत के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
आखिर क्यों है बड़ा खतरा, जानें
आतंकवादी अहंगर श्रीनगर के नवाकदल का रहने वाला है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां जम्मू कश्मीर में अहंगर के सभी संपर्क सूत्रों को खंगाल रही हैं। वजह ये हैं कि अहंगर ने ISKP और उससे पहले अल-कायदा में रहते हुए ISI के इशारों पर ही काम किया है। अहंगर कश्मीर को जानता है क्योंकि वो इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू कश्मीर का सूत्रधार माना जाता है इसलिए आशंका ये है कि आतंकवादी अहंगर को कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान इस्तेमाल कर सकता है। 55 साल का आतंकवादी अहंगर 90 के दशक से पाकिस्तान की मदद से बांग्लादेश भी गया और ISI की शह पर इस्लामिक स्टेट जम्मू और कश्मीर आतंकी संगठन में आतंकियों के मुख्य भर्तीकर्ता के रूप में काम कर रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक आतंकी अहंगर ने कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है और भारत के युवाओं को आतंकी संगठनों में भर्ती कराने में इसका बड़ा हाथ रहा है इसलिए रक्षा विशेषज्ञ इसे भारत और कश्मीर के लिए बड़ा खतरा मानते हैं।
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ISI की पनाह में अहंगर
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद आतंकवादी अहंगर का पुल-ए चरखी जेल से भाग जाना भारत में सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चिंता का कारण हो सकता है क्योंकि अहंगर एक सक्रिय आतंकवादी है। वर्ष 2020 में काबुल गुरुद्वारा हमले वो शामिल था, जिसमें 27 लोग मारे गए थे। बाद में उसे NDS ने ISKP के कमांडर असलम फारूकी के साथ गिरफ्तार किया था। असंगर एक ऐसा आतंकी है जिसके रिश्ते पाकिस्तान की ISI से हैं। इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रॉविंस से हैं। इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू कश्मीर से हैं। आशंका ये है कि अहंगर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की पनाह में है तो ऐसे में ये डर लाजमी हो जाता है कि कश्मीर में आखिरी सांस ले रहे आतंकवाद को फिर जिंदा करने की पाकिस्तान कोशिश कर सकता है।