मुंबई पुलिस वसूली कांड में सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। सचिन वझे वसूली कांड में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। किस तरह से मुंबई पुलिस कमिश्नर का ऑफिस वझे का वसूली ठिकाना बन चुका था। ? पुलिस कमिश्नर का ऑफिस वझे के लेन-देन का अड्डा बन गया था ? NIA ने वसूली किंग सचिन वझे को बेनकाब करने का दावा किया है। सचिन वझे की गर्लफ्रेंड ने NIA के सामने किया राजफाश किया। मीना ने वझे के नीले लेदर बैग की सत्यकथा सुनाई। मीना ने वझे के ब्लैक एंड व्हाइट का मीना जॉर्ज ने राज खोला।
सचिन वझे की गर्लफ्रेंड ने किया राजफाश
पहली बार सचिन वझे की गर्लफ्रेंड मीना जॉर्ज नज़र आई।18 फरवरी की रात मीना जॉर्ज मुंबई के होटल ओबेरॉय में देखी गई।CCTV कैमरे में उसकी मौजूदगी रिकॉर्ड हुई।गाड़ी के अंदर बैठी ये महिला कोई और नहीं मीना जॉर्ज है।जो सचिन वझे से मिलने होटल ओबेरॉय में पहुंची।ये पूरा सच मीना जॉर्ज ने NIA को पूछताछ में बताया।मीना जॉर्ज ने बयान दिया।.फरवरी 2021 में मैं सचिन वझे से मुंबई के होटल ओबेरॉय में दो बार मिली। दोनों ही मुलाकातों में सचिन वझे होटल ओबेरॉय के 19वीं मंजिल के 1964 नंबर कमरे में ठहरा था। मैं पहली बार 18 फरवरी की रात को होटल ओबेरॉय गई। मैं रात भर उसके (सचिन वझे) साथ होटल के कमरे में रुकी और अगले दिन सुबह मैं होटल से वापस गई।
मीना जॉर्ज होटल ओबेरॉय गई।इसका CCTV प्रमाण मौजूद है।और अब मीना जॉर्ज का NIA के सामने दिया गया बयान भी है।18 फरवरी 2021 की रात होटल ओबेरॉय के कमरा नंबर 1964 में क्या हुआ मीना जॉर्ज ने एक एक बात NIA को बताई।.मीना जॉर्ज ने बयान दिया कि। मैं दो बार होटल ओबेरॉय गई। दोनों ही बार सचिन वझे द्वारा दिए गए करेंसी नोट्स को लेना और कही पहुंचाना था। इन करेंसी नोटों को गिनने और पुराने नोटों को हटाने के साथ साथ 786 सीरीयल नंबर वाले नोटों को अलग करने की जिम्मेदारी मुझे दी गई थी। 18 फरवरी की रात मुझे एक नीले बैग में 2000 के नोटों के 20 बंडल दिए गए जिनमें 100 नोट्स थे यानी कुल 40 लाख रुपये जिसे मुझे रूम नंबर 1964 में सचिन वझे को देना था। ये 40 लाख रुपये मैंने 2 दिन पहले सचिन वझे के दफ्तर से लिया, जो मुंबई के क्रॉफर्ड मार्केट के पास स्थित पुलिस कमिश्नर ऑफिस के चौथी मंजिल पर है। मैं तारीख ठीक से नहीं याद कर पा रही हूं लेकिन ये तय है कि वो 15 या 16 फरवरी 2021 की तारीख थी, जब मैं पुलिस कमिश्नर के ऑफिस गई थी।
कमिश्नर के दफ्तर में लेन देन
मुंबई के पुलिस कमिश्नर ऑफिस की चौथी मंजिल पर सचिन वझे का दफ्तर था।सचिन वझे ने 40 लाख रुपये कैश अपने दफ्तर से मीना जॉर्ज को दिया।यानी ये पैसों का ये सारा खेल मुंबई के पुलिस कमिश्नर के ऑफिस से ही सचिन वझे खेल रहा था।मुंबई के पुलिस कमिश्नर का दफ्तर सचिन वझे का वो अड्डा था।जिसका इस्तेमाल वो वसूली के पैसो के लेन-देन के लिए करता था।मीना जॉर्ज ने आगे बताया कि।19 फरवरी की सुबह जब मैं होटल ओबेरॉय से निकल रही थी, सचिन वझे ने मुझे एक जूट बैग दिया जिसमें 2000 रुपये के 18 बंडल थे यानी 36 लाख रुपये। सचिन ने मुझे वो नोट गिनने, पुराने नोट हटाने और 786 नंबर के नोटों को अलग करने के लिए दिया। जो मैं मीरा रोड में अपने घर लेकर गई।18 फरवरी की पूरी कथा मीना जॉर्ज ने NIA को बताई कि कैसे सचिन वझे मुंबई के पुलिस कमिश्नर के दफ्तर का इस्तेमाल अपने वसूली के धंधे के लिए कर रहा था।
एनआईए को मीना जॉर्ज का इकबालिया बयान
मीना जॉर्ज दूसरी बार 20 फरवरी को होटल ओबेरॉय गई।मीना जॉर्ज ने NIA को दिए अपने बयान में बताया।सचिन वझे ने जो मुझे 36 लाख रुपये दिए थे मैंने उन्हें गिना और 20 फरवरी 2021 को मैं दोबारा होटल ओबेरॉय गई। इस बार मैं सुबह करीब साढ़े 10 बजे ओबेरॉय होटल पहुंची। मैंने उसके (सचिन वझे) कमरे में ही उसके साथ नाश्ता किया और उसके बाद मैं होटल से करीब दोपहर साढ़े 12 बजे निकल गई। जब मैं होटल से निकली तब मेरे पास कोई कैश नहीं था
सचिन वझे अपने वसूली के पैसों को यहां से वहां लाने ले जाने के लिए मीना जॉर्ज का इस्तेमाल कर रहा था।इसके साथ ही सचिन वझे फर्जी कंपनिया बनाकर वसूली के पैसों को ब्लैक से व्हाइट में बदल रहा था।इसके लिए सचिन वझे मीना जॉर्ज के अकाउंट का इस्तेमाल कर रहा था।मीना जॉर्ज ने बताया।03/10/2020 को नींव एंटरप्राइजेज से 4 लाख रुपये जमा कराए गए. 3 अक्टूबर को ही दोबारा नींव एंटरप्राइजेज से 4 लाख रुपये जमा हुए। फिर 03 अक्टूबर को ही नींव एंटरप्राइजेज ने 2.40 लाख जमा कराए।5 अक्टूबर को दुर्गा एंटरप्राइजेज ने 9.50 लाख जमा कराए। 5 अक्टूबर को ही अर्जुन एंटरप्राइजेज ने 10.20 लाख जमा कराएऔर 06 अक्टूबर को एस वी ट्रेडिंग कंपनी ने 8.90 लाख रुपये जमा कराए।
NIA को अपने दिए गए बयान में मीना जॉर्ज ने बताया कि इन कंपनियों में से वो किसी कंपनी को नहीं जानती।मीना जॉर्ज ने आगे बताया। मेरे अकाउंट में आने वाले ये सारे पैसे सचिन वझे की व्यवस्था के तहत आ रहे थे। मेरे अकाउंट से फिर ये पैसे मोटोसर्जन ऑटोमोबाइल प्राइवेट लिमिटेड के करंट अकाउंट में ट्रांसफर हुए। सचिन वझे ने इस कंपनी का डायरेक्टर मुझे नियुक्त किया था।
NIA को दिए गए बयान में मीना जॉर्ज ने कुछ और खुलासे किए जो सचिन वझे के काले खेल को उजागर करता है।NIA के दस्तावेज में मयंक ऑटेमेशन के मीना जॉर्ज के करंट अकाउंट का जिक्र है।जिसमें करोड़ों रुपयों का लेन-देन हुआ। 6 मार्च 2021 को सुलोचना देवी अग्रवाल ने RTGS के जरिए 50 लाख रुपये जमा कराए।.फिर 06 मार्च को ही सुलोचना देवी अग्रवाल ने RTGS के जरिए 25 लाख रुपये ट्रांसफर किए।फिर दमन से 10 मार्च 2021 को 75 लाख रुपये अकाउंट में जमा कराए गए।NIA को अपने बयान में मीना जॉर्ज ने बताया।मैं किसी सुलोचना देवी अग्रवाल को नहीं जानती, मैं ये भी नहीं जानती कि मयंक ऑटोमेशन के अकाउंट में ये पैसे क्यों जमा किए गए। इसका जवाब सिर्फ सचिन वझे के पास है जिसने मयंक ऑटोमेशन को बनाया है। मुझसे दस्तखत कराकर मयंक ऑटोमेशन के ब्लैंक चेक लिए जाते थे।
कौन है मीना जार्ज
मीना जार्ज के जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ था। 12वीं में पढ़ाई के दौरान ही 22 दिसंबर 2003 को जॉर्ज वेंकुरम नाम के शख्स से इसकी शादी हो गई। बतौर टेलीकॉलर नौकरी की शुरुआत हुई। महीने की कमाई सिर्फ तीन हज़ार रुपये थी। जब मीना जॉर्ज का बेटा महज दो साल का था पति ने उसे बतौर फीमेल एस्कॉर्ट नौकरी करने के लिए भेज दिया। सचिन वाझे मीना जॉर्ज की एस्कॉर्ट सर्विस का एक ग्राहक था। सचिन वाझे से मीना जॉर्ज की पहली मुलाकात 2011 में हुई। अब मनसुख हत्याकांड में NIA मीना जॉर्ज से पूछताछ कर रही है। मीना जॉर्ज वही महिला है जो मुंबई के ट्राइडेंट होटल में दिखी थी। मीना जॉर्ज को ही मिस्ट्री गर्ल नाम दिया गया था। NIA को सचिन वाजे-मीना जॉर्ज नाम का ज्वॉइंट बैंक अकाउंट और लॉकर मिला है।