- महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट बरकरार
- एकनाथ शिंदे कैंप गुवाहाटी
- डिप्टी स्पीकर ने शिंदे कैंप के 16 विधायकों को ठहराया है अयोग्य
महाराष्ट्र में सियासी संकट बरकरार है। शिवसेना दो धड़ों में बंटी है जिसमें एक गुट की अगुवाई एकनाथ शिंदे कर रहे हैं जो इस समय करीब 50 विधायकों के साथ गुवाहाटी में हैं। इस बीच डिप्टी स्पीकर ने 12 विधायकों को अयोग्य ठहराया है, हालांकि शिंदे कैंप ने इसे अवैधानिक बताया और डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इन सबके बीच शिवसेना और महाविकास अघाड़ी सरकार इस पूरे मुद्दे पर कानूनी मदद भी ले रही है। इन सबके बीच मशहूर वकील मुकुल रोहतगी ने TIMES NOW नवभारत की एडिटर-इन चीफ नाविका कुमार से खास बातचीत में कहा कि सच तो .यह है कि महाराष्ट्र में पिछले दो दिन से सरकार ही नहीं है। सबसे पहले तो चाहे अविश्वास प्रस्ताव कहें या विश्वास प्रस्ताव इस विषय पर विधानसभा में चर्चा होनी चाहिए। मौजूदा समय में विधानसभा ही सभी संकटों से बाहर आने का एक प्लेटफॉर्म है।
मुकुल रोहतगी के बोल
विधायकों को पद से हटाया नहीं जा सकता
विधानसभा में ही फैसला हो सकता है
अगर शिंदे कैंप को सरकार बनाना है तो दावा पेश करना चाहिए
पहली बात तो अयोग्यता का मुद्दा क्या है। डिप्टी स्पीकर का फैसला सिर्फ निराशा और हताशा का परिचायक है। सबसे पहले अविश्वास प्रस्ताव या विश्वास प्रस्ताव जो भी कहें वो होना चाहिए।
महाराष्ट्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
महाराष्ट्र में पुलिस अधिकारियों ने शिवसेना समर्थकों के विरोध प्रदर्शन किये जाने की आशंका के मद्देनजर पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नेता एवं मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना समर्थकों के विरोध प्रदर्शन किये जाने की आशंका है।राज्य में शिंदे के साथ बागी विधायकों वाले होर्डिंग या बोर्ड को शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा निशाना बनाने की कुछ घटनाएं सामने आई हैं।
एक अधिकारी ने यहां बताया कि सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को अलर्ट जारी कर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा गया है।शिवसेना के अधिकतर विधायकों ने एकनाथ शिंदे के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई है और इससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार संकट में फंस गई है।पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर में शिवसेना समर्थक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए और बागी नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।