Dhakad Exclusive : महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच इस वक्त मातोश्री में बड़ी बैठक हुई। पहली बार उद्धव ठाकरे और शरद पवार की मुलाकात हुई। बैठक में अजित पवार और जयंत पाटिल भी शामिल हुए। महाराष्ट्र की सियासत में अजीब खेला हो रहा है। शिंदे गुट ठाकरे गुट को चैलेंज दे रहा है। ठाकरे कैंप शिंदे गुट को मुंबई आने के बाद देख लेने की धमकी दे रहा है। उधर, एनसीपी ने ठाकरे के खिलाफ अलग ही मोर्चा खोल दिया है। एनसीपी को लगता है कि इस पूरे खेल का असली चेहरा शिंदे नहीं खुद ठाकरे हैं। और इन सबके बीच सीएम उद्धव ठाकरे इमोशनल कार्ड चल रहे हैं वो शिंदे को धोखेबाज बता रहे हैं। अब यहां सवाल थोड़ा पेचीदा है। आखिर महाराष्ट्र की सियासत में 4 दिन से ये चल क्या रहा है। इस सियासी बिसात में कौन प्यादा है, कौन असली चेहरा है। ये सस्पेंस गहराता ही जा रहा है।
महाराष्ट्र विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवल के खिलाफ एकनाथ शिंदे गुट ने अविश्वास प्रस्ताव दायर किया। 22 जून को दायर किया गया था प्रस्ताव इस वजह से जबतक नरहरी के अविश्वास प्रस्ताव पर जब तक फैसला नहीं आता तब तक नरहरी झिरवल एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के निलंबन पर कोई फैसला नहीं ले सकते।
आज ठाकरे कैंप से दिलचस्प बात देखने को मिली। कल तक जो संजय राउत शिंदे गुट के साथ बातचीत की लाइन पर थे, वो अचानक से गरम हुए और शिंदे गुट को सड़क पर देख लेने की धमकी दे दी। ये भी कहा कि कानूनी लड़ाई भी शिवसेना ही जीतेगी और सड़क की लड़ाई भी शिवसेना ही जीतेगी। अब समझने वाली बात ये है कि ठाकरे गुट को ये POWER कहां से मिली। क्या शरद पवार से राउत की मुलाकात के बाद गेम बदल गया?
सुना आपने उद्धव ठाकरे के राइट हैंड शिवसेना के सांसद संजय राउत की ये धमकी। कानून की लड़ाई भी लड़ेंगे सड़क पर उतरने की नौबत आई तो सड़क पर भी लड़ाई लड़कर दिखाएंगे। राउत की ये धमकी सीदे शिंदे को है और सीधे शब्दों में है कि ये लड़ाई शिवसेना जीतकर दिखाएगी।