- यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन, 89 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
- लखनऊ के पीजीआई में चल रहा था इलाज
- हॉर्ट, किडनी के साथ साथ 12 और अन्य बीमारियों का कर रहे थे सामना
Kalyan singh Death News: यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह ( Kalyan singh latest news) का लखनऊ के पीजीआई में निधन हो गया है। बीते दो दिनों से कल्याण सिंह की तबीयत काफी नाजुक बनी हुई थी। शनिवार रात 9.15 के करीब उन्होंने आखिरी सांस ली। निधन के समय उनके परिवार के लोग अस्पताल में पूर्व मुख्यमंत्री के परिवारजन भी मौजूद थे। कल्याण सिंह के इलाज में दिल, गुर्दा, डायबिटीज, न्यूरो, यूरो, गैस्ट्रो और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग समेत 12 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी कर रही थी। पिछले महीने तक उनकी तबीयत सामान्य थी। लेकिन पिछले दो दिनों से दिक्कत बढ़ गई थी खासतौर से पेशाब पास नहीं हो रहा था।
तीन दिन का राजकीय शोक और 23 अगस्त को सार्वजनिक छुट्टी
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व सीएम कल्याण सिंह के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक और 23 अगस्त को सार्वजनिक छुट्टी रहेगी। 23 अगस्त को शाम में नरौरा में गंगा के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
21 जून को कराये गये थे भर्ती
21 जून को उन्हें लखनऊ के लोहिया संस्थान में भर्ती किया गया था। 4 जुलाई को जब सबसे पहले उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई थी तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने पहुंचे थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या सहित प्रदेश सरकार के कई मंत्री भी अस्पताल कल्याण सिंह का हालचाल लेने के लिए अस्पताल गए थे तबीयत में सुधार न होने के बाद उसी दिन उन्हें PGI शिफ्ट कर दिया गया था।
पीएम नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि
समाजवादी पार्टी ने दी श्रद्धांजलि
अलीगढ़ में हुआ था जन्म
कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। पिता का नाम श्री तेजपाल लोधी और माता का नाम श्रीमती सीता देवी था। कल्याण सिंह के 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कई बार अतरौली से विधानसभा सदस्य के तौर पर चुने गए। राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवा दिए। कल्याण सिंह पहली बार 1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और दूसरी बार 1997 में सीएम बनने का मौका मिला। कल्याण सिंह के कार्यकाल में ही 1992 में बाबरी मस्जिद गिरी जिसके बाद उनकी सरकार को तत्कालीन पीएम नरसिंहाराव ने बर्खास्त कर दिया था। वो तो नकल को संज्ञेय अपराध बनाकर चर्चा में भीआए। ये बात अलग थी कि उसके लिए उन्हें आलोचना का सामना भी करना पड़ा।