सरकार जल्दी ही हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (Hurriyat Conference) पर वैन लगा सकती है, हालांकि इसका फैसला नहीं हुआ है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या Hurriyat की दोनों धड़ों पर बैन लगाने से आतंकवाद का कमजोर किया जा सकता है ? हुर्रियत पर आरोप है कि उसने पिछले दिनों कश्मीर के छात्रों को MBBS की पढ़ाई के लिए पाकिस्तान भेजा था और इसके एवज में ली गई धनराशि को आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया...खबर है कि एक छात्र के परिवार से 10 से 12 लाख रुपये डोनेशन के तौर पर वसूले गए थे...
सूत्रों के मुताबिक सरकार UAPA की धारा 3(1) के तहत हुर्रियत पर प्रतिबंध लगा सकती है...ये प्रस्ताव केंद्र की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत रखा गया है...
केन्द्र सरकार के पास ये अधिकार है कि अगर कोई संगठन गैरकानूनी या देशविरोधी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है तो सरकार आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना देकर संगठन को गैरकानूनी घोषित कर सकती है और उस पर प्रतिबंध लगा सकती है...वर्ष 2019 में सरकार ने जमात-ए-इस्लामी संगठन पर कार्रवाई करते हुए बैन कर दिया था।
देखिए Sushant Sinha के साथ Rashtravad...