Agniveer : तीनों सेनाओं में अग्निवीर की भर्ती को लेकर रक्षा मंत्रालय के द्वारा बुलाई गई सलाहकार समिति की बैठक में विपक्षी सांसदों ने सोमवार को सरकार को घेरा। कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि अग्निवीर से आर्मी की सामरिक रणनीति को एक्सपोज होने का खतरा है। 4 साल के बाद बाहर आये अग्निवीरों को अगर नौकरी नहीं मिली तो उनके द्वारा सेना की सामरिक रणनीति को बाहर आने का खतरा हैं। इधर सौगत रॉय ने जापान की घटना से सीख लेने की बात कही।
सरकार की तरफ से तीनों सेनाओं के प्रमुखों के तरफ से एक ब्रीफ प्रेजेंटेशन दिया गया और अग्निपथ योजना के बारे में बताया गया। वहीं विपक्ष ने अपने ज्ञापन में इसको लेकर आशंका जताई। साथ में इसे वापस करने की मांग भी की। विपक्ष के ज्ञापन में जिन मुद्दों पर चिंता जाहिर की गई उनमें-
- रिटायर्ड होने के बाद नौकरी नहीं मिलने पर जवान सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं
- पहले से ही सेंट्रल जॉब्स में तय आरक्षण नहीं मिलता तो अग्निवीर को नौकरी मिलेगी इसकी क्या गारंटी है
- सेना के प्रेजेंटेशन में 25 % परमानेंट कमीशन का तय ना होने पर सवाल उठाया गया। सेना ने कहा था कि यह भी तय नहीं है
बैठक में शामिल विपक्ष के छह सांसदों ने ज्ञापन देकर अपनी नाराजगी जताई। ज्ञापन देने वाले सांसदों में टीएमसी के सौगत रॉय, संदीप बंदोपाध्याय, कांग्रेस से शक्ति सिंह गोहिल और आरजेडी से केडी सिंह रजनी पाटिल शामिल थे।
इधर, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विपक्ष द्वारा दिये गए ज्ञापन से अपनी दूरी बना ली। इससे पहले मनीष तिवारी पार्टी लाइन से दूर जाकर इस योजना का समर्थन किया था। आज की बैठक में उन्होंने कुछ आशंका जरूर जाहिर की। बैठक में कुल 12 सांसद मौजूद रहे। राजनाथ सिंह ने अलावा रक्षा सचिव से लेकर तीनो सेना प्रमुख शामिल रहे। सेना के लोगों के द्वारा मीडिया में ब्रीफिंग को लेकर भी विपक्ष की नाराजगी थी। विपक्ष की मांग है कि अग्निवीर जल्दबाजी में लिया गया फैसला है। इसको पहले स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाय। इसके साथ एक एक्सपर्ट ग्रुप बनाये तब तक इसको होल्ड किया जाय।