- झारखंड की हेमंत सोरेन ने सरकार का बड़ा फैसला
- मुस्लिम विधायकों के लिए विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए कमरा अलॉट
- हर धर्म के लोगों के लिए हो उपासना कक्ष: विरंची
रांची: झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि मुस्लिम विधायकों के लिए विधानसभा में ((Jharkhand Legislative Assembly)) नमाज़ अदा करने के लिए अलग से जगह अलॉट किया जाएगा। सरकार के इस फैसले के बाद विवाद बढ़ गया है और बीजेपी ने इसका विरोध करते हुए सरकार को निशाने पर ले लिया है। इस बात पर BJP ने विरोध जताते हुए कहा है कि हर धर्म के लोगों के लिए उपासना कक्ष होना चाहिए।
भाजपा नेता ने किया विरोध
भाजपा नेता विरंची दास ने कहा, 'सरकार ने एक फैसला लिया है जिसके तहत विधानसभा में एक कमरा अलॉट किया गया है, जहां मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा कर सकते हैं। तो जब मुस्लिम समाज नमाज अदा कर सकते हैं तो हिंदू धर्मावलंबी हनुमान चालीसा क्यों ना पढ़ें। मैं माननीय विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह करता हूं कि जिस तरह आपने मुस्लिम समुदाय के लिए नमाज अदा करने हेतु कमरा अलॉट किया है उसी तरह कम से कम पांच कमरे का अलॉटमेंट या एक हॉल का अलॉटमेंट हमारे लिए भी हनुमान चालीसा के लिए करें, क्योंकि संख्याबल में तो हम ज्यादा है।'
वहीं सत्ताधारी जेएमएम के प्रवक्ता मनोज पांडे ने बीजेपी पर इसे लेकर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था बिहार विधानसभा में पहले से लागू है लेकिन बीजेपी यहां तुष्टिकरण करके धार्मिक उन्माद फैलाना चाहती है।
कपिल मिश्रा का ट्वीट
दिल्ली भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए कहा, 'झारखंड की विधानसभा में नमाज की व्यवस्था भारत के संविधान के सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ हैं। झारखंड के निर्माण का उद्देश्य आदिवासियों का विकास था, लेकिन तुष्टिकरण की अंधी दौड़ में आदिवासियों का भी अपमान किया जा रहा हैं। नमाज के ये आदेश अनुचित है, और वापस लिया जाना चाहिए।'