'The Kashmir files' फिल्म की आंच थियेटरों से लेकर सियासी गलियारे तक महसूस की जा रही है। कश्मीर पंडितों के 'नरसंहार' एवं पलायन पर आधारित इस फिल्म को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग सिनेमाघरों में पहुंच रहे हैं तो कई जगहों पर उन्हें फिल्म देखने में व्यवधान भी खड़ा किया जा रहा है। महाराष्ट्र के एक थियेटर में इस फिल्म को दर्शकों को देखने नहीं दिया गया। भिवंडी के पीवीआर में जब यह फिल्म चल रही थी तो उसका ऑडियो म्यूट कर दिया गया। इस बात को लेकर थियेटर में मौजूद दर्शकों की मैनजर से बहस भी हुई। ऑडियो म्यूट करने से दर्शक भड़क गए और हंगामा किया। बता दें कि सेंसर बोर्ड ने काट-छांट के बाद इस फिल्म को रिलीज किया है। यह फिल्म 11 मार्च को थियेटरों में रिलीज हुई। कई राज्यों में इस फिल्म को ट्रैक्स फ्री घोषित कर दिया गया है।
नितेश राणे ने फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की
महाराष्ट्र के भाजपा नेता नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने राज्य में इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की है। दरअसल, कश्मीरी पंडितों के पलायन एवं 'नरसंहार' पर केरल कांग्रेस ने कई ट्वीट किए हैं जिसके बाद से राजनीतिक विवाद शुरू हुआ है। केरल कांग्रेस का कहना है कि 1990 से लेकर 2007 तक घाटी में कश्मीरी पंडितों से ज्यादा मुसलमान मारे गए। कांग्रेस के इस दावे पर भारतीय जनता पार्टी ने उस पर पलटवार किया है। जम्मू-कश्मीर के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि उन्होंने अपनी आंखों से कश्मीरी पंडितों के आशियाने को जलते हुए देखा। फिल्म में दिखाई गई घटनाएं तथ्यों पर आधारित हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि कांग्रेस की असलियत सामने आ रही है इसलिए उसे पीड़ा हो रही है।