- जो देश के खिलाफ उनके विरोध में कार्रवाई
- महबूबा मुफ्ती के बयान का मतलब आप उनसे पूछिए
- घाटी का विकास ही मूल लक्ष्य
प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ मुखिया यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। मलिक की सजा पर पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि फांसी या उम्रकैद से मसला हल नहीं होने वाला है। हमें लोगों के दिलों को जीतना होगा। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद घाटी के हालात में सुधार कहां हैं। केंद्र सरकार की नीतियां कामयाब कहां हैं। इन सभी मसलों में जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने TIMES NOW नवभारत की एडिटर-इन चीफ नाविका कुमार ने खास बातचीत की।
'आतंकवाद का धर्म नहीं'
जो आतंकवाद फैलाता है उसका कोई धर्म नहीं होता है। चाहे हिंदू हो या मुसलमान, जो भी व्यक्ति भारत के खिलाफ काम करेगा उसपर कार्रवाई होगी'। जम्मू कश्मीर शासन किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रहा है। इस समय आप देख रही होंगी कि बड़ी संख्या में आतंकियों के खात्मे की कार्रवाई जारी है। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की वजह से उनमें हताशा है और छिटपुट घटनाएं सामने आ रही हैें। जहां तक कश्मीरी पंडितों का सवाल है कि उनके लिए ईमानदारी से कई चक्र में योजनाएं चलाई जा रही हैं। जब उनसे यासीन मलिक को बीजेपी शासन के दौरान पासपोर्ट देने का सवाल किया गया तो उस सवाल के जवाब में कहा कि बीती बातों पर कुछ टिप्पणी करने से बेहतर है कि हम वर्तमान में क्या कुछ बेहतर कर रहे हैं।
'घाटी का विकास ही मूल लक्ष्य'
एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जहां तक जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों का सवाल है तो एक बात वो कहना चाहेंगे कि लोकतंत्र में हर किसी को विरोध करने का अधिकार है। लेकिन अनर्गल प्रलाप करने से बचना चाहिए। बेहतर जम्मू कश्मीर बनाने की जिम्मेदारी हर किसी की है। सरकार की तरफ से भेदभाव नहीं किया जा रहा है। जो लोग घाटी के विकास में आगे आएंगे उनके साथ सरकार खड़ी है लेकिन जो खिलाफ के रास्ते पर विध्वंस की राजनीति करेंगे उन्हें कड़ा जवाब दिया जाएगा।