- बीएसपी विधायकों के मुद्दे पर राजस्थान हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
- बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय के संबंध में दी गई है चुनौती
- बीएसपी विधायकों की मदद से अशोक गहलोत कैंप का दावा, सरकार को खतरा नहीं
जयपुर: राजस्थान में मौसमी पारा बारिश की छीटों के साथ साख कभी कभी गिर जा रहा है। लेकिन सियासी पारा के चढ़ने पर ब्रेक लगता नजर नहीं आ रहा है। राज्यपाल ने 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने पर सहमति दे दी है। इस बीच बीएसपी विधायकों का मुद्दा एक बार फिर अदालत में है। राजस्थान हाईकोर्ट में बीएसपी के 6 विधायकों के मुद्दे पर सुनवाई होनी है। दरअसल बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि सभी विधायक अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करें। इसके लिए बाकायदा ह्विप भी जारी किया गया है। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि बीएसपी के विधायक तो अब कांग्रेस के हिस्सा हैं। लिहाजा ह्विप जारी करने का कोई मतलब ही नहीं है।
बीजेपी विधायक की अर्जी
राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका पर सुनवाई शुरू की, जिसमें राज्य विधानसभा के स्पीकर द्वारा कांग्रेस के छह बसपा विधायकों को शामिल किए जाने के खिलाफ उनकी शिकायत को खारिज करने के स्पीकर के फैसले को चुनौती दी गई।दिलावर की याचिका पर आंशिक सुनवाई करने के बाद न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल की पीठ ने गुरुवार को दोपहर 2 बजे आगे की सुनवाई के लिए याचिका को खारिज कर दिया।
बीएसपी ने भी लगाई है याचिका
भाजपा विधायक की याचिका पर सुनवाई शुरू करते हुए न्यायमूर्ति गोयल ने कहा था कि इसके साथ बीएसपी ने भी याचिका दायर की गई है जिसमें स्पीकर के आदेश को चुनौती दी गई थी कि उन्होंने किस आधार पर बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय की अनुमति दे दी। न्यायाधीश ने कहा था कि कि वह दो समान याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेंगे।
राजस्थान हाईकोर्ट में दो याचिका
बीजेपी विधायक दिलावर ने मंगलवार को अदालत के समक्ष दो याचिकाएं दायर की थीं। पहली याचिका में विधानसभा सचिवालय के संबंध में था कि जिसमें कहा गया था कि वो विधायक को सूचित करे कि उसकी शिकायत का निर्णय अध्यक्ष द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है। दूसरी याचिका में 24 जुलाई को दिए गए स्पीकर के विस्तृत आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें बीएसपी विधायकों के कांग्रेस के साथ विलय के खिलाफ विधायक की शिकायत को खारिज कर दिया गया था।अदालत ने भाजपा विधायक की दूसरी याचिका के साथ-साथ बसपा द्वारा एक साथ सुनवाई शुरू की।
स्पीकर की भूमिका पर सवाल
विधायक ने बीएसपी विधायकों के विलय के खिलाफ इस साल मार्च में स्पीकर के कार्यालय में शिकायत दर्ज की थी। उस अर्जी पर 24 जुलाई को निर्णय लेते हुए खारिज कर दिया गया। दिलावर ने आरोप लगाया है कि स्पीकर ने उनकी शिकायत को खारिज करने और खारिज करने के दौरान उनकी सुनवाई नहीं की।उन्होंने आदेश की प्रति पाने के लिए सोमवार को विधानसभा सचिव कक्ष में 'धरना' का भी दिया था।बाद में उन्हें यह कहते हुए एक संचार दिया गया कि उनकी शिकायत को अस्वीकार कर दिया गया है।मंगलवार को उनके द्वारा विस्तृत आदेश प्राप्त हुआ।