- एएसआई के बेटे को सीएमओ में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी
- एएसआई के रिश्तेदार को भी चपरासी की नौकरी के नाम पर ठगा
- सीएओ में कंप्यूटर पर नौकरी दिलाने के नाम पर की थी ठगी
Jaipur Job Fraud News: नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग देशभर में जगह-जगह पैदा हो चुके हैं। कई बार इस तरह की ठगी के शिकार अच्छे पदों पर बैठे लोग भी हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला जयपुर से सामने आया है। जयपुर में कार्यरत एक एएसआई को शातिर ठगों ने सीएमओ में नौकरी दिलाने के नाम पर 3 लाख 75 हजार रुपए की ठगी कर ली। एएसआई को ठगी के बाद भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एएसआई 21 मार्च से मामले की शिकायत दर्ज करवाने के लिए थाने के चक्कर काट रहे थे, लेकिन क्योंकि मामले में एक आईएएस का नाम सामने आ रहा था जिसके चलते पुलिस भी मामला दर्ज करने से बच रही थी। इसके बाद पीड़ित एएसआई को इंसाफ के लिए कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।
इसके बाद कोर्ट के आदेश पर महेश नगर थाना पुलिस ने 1 जुलाई को इस मामले में शिकायत दर्ज की। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक गोविंद प्रजापत अपने एएसआई पिता के साथ महेश नगर थाने के सरकारी क्वार्टर में रह रहे थे। उसी दौरान 20 अगस्त 2020 को अलवर निवासी रविंद्र कुमार शर्मा ने उन्हें सीएमओ में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। आरोपी ने आईएएस के नाम पर इस मामले को अंजाम दिया।
दोनों रिश्तेदारों को दिया नौकरी का झांसा
जानकारी मिली है कि आरोपी ने एक आईएएस का नाम लेकर कहा कि उनके पास नौकरी लगाने की पावर है। आरोपी ने खुद को आईएएस का बहनोई बताया। आरोपी ने पीड़ितों को अपने विश्वास में लेकर उनसे ऑनलाइन और नगद दोनों रूप में 2 लाख रुपए ऐंठ लिए। इसके कुछ ही दिन बाद आरोपी गोविंद से कहता है कि चपरासी की नौकरी के लिए वैकेंसी निकली है अगर आपकी नजर में कोई हो, जिसे नौकरी करनी हो तो मुझे बता देना। आरोपी की इस बात पर गोविंद शर्मा अपने किसी रिश्तेदार को यह नौकरी दिलवाने के लिए रविंद्र को फिर से 1 लाख 75 हजार रुपए देता है।
पैसे लेने के बाद शुरू की बहानेबाजी
गोविंद प्रजापत ने अपनी शिकायत में बताया कि पैसे लेते ही रविंद्र शर्मा ने कुछ महीनों के बाद बहानेबाजी करनी शुरू कर दी। जब भी पीड़ित नौकरी के बारे में रविंद्र से बात करता तो रविंद्र सीएम के हस्ताक्षर ना होने जैसे बहाने बनाकर बात को टाल देता, तो कभी सीएम के बिजी होने की बात कहकर पीड़ित को गुमराह कर देता था। इसके बाद गोविंद और उनके एएसआई पिता को यह बात समझ आ गई कि उनके साथ ठगी हुई है। जिसके बाद एएसआई अरुण का बेटा महेश नगर थाने के चक्कर काटने लगे लेकिन पुलिस ने आईएएस का नाम सामने आने के कारण शिकायत दर्ज नहीं की। जिसके बाद पीड़ित की सुनवाई कोर्ट में हुई और मुकदमा दर्ज किया गया। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं दूसरी ओर आरोपी रविंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि वह महेश नगर थाने गया था, जहां उसने पैसे लौटाने के लिए 5 दिनों का समय मांगा है।