- कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल हुए सचिन पायलट
- गहलोत ने कहा कि पायलट गुट के बिना भी साबित कर देते बहुमत
- भाजपा ने कहा कि अपने आंतरिक कलह से गिरगी गहलोत सरकार
जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि सचिन पायलट और बागी 18 विधायकों के समर्थन के बिना भी वह विधानसभा में बहुमत साबित कर देते लेकिन इससे उन्हें खुशी नहीं मिलती। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सदन में विश्वास प्रस्ताव लाएंगे। सचिन पायलट और उनके गुट के विधायकों के वापस आ जाने के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार पर महीने भर से चले आ रहे सियासी संकट का पटाक्षेप हो गया है। गुरुवार शाम को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक के बाद गहलोत एवं पायलट की मुस्कुराती हुई एक तस्वीर भी सामने आई।
शुक्रवार से शुरू होगा विधानसभा का सत्र
शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। गहलोत सरकार का कहना है कि वह सत्र के दौरान अपना विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी। वहीं, भाजपा का कहना है कि वह गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगी। विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सत्र के दौरान भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कांग्रेस पर साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राजस्थान के सियासी संकट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'कांग्रेस की राजस्थान इकाई में जो संकट उभरा वह उनके आंतरिक मामलों की वजह से था। इससे भाजपा का कोई लेना-देना नहीं था। राजस्थान में सरकार यदि गिरती है तो इसके लिए सिर्फ कांग्रेस जिम्मेदार होगी। मैं कांग्रेस के नेताओं एवं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि उन्हें अपनी नाकामी का बोझ दूसरों के कंधों पर नहीं डालना चाहिए।'
विश्वेंद्र सिंह बोले-कार्यकाल पूरा करेगी राज्य सरकार
बागी विधायकों में शामिल कांग्रेस के विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत की अगुवाई में राज्य सरकार अपना पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा करेगी। कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता रद्द करने का फैसला वापस लिए जाने के बाद सिंह ने यह बयान दिया। पूर्व पर्यटन मंत्री ने कहा कि वह कांग्रेस के एक कार्यकर्ता हैं और पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी उसे वह पूरा करेंगे। कांग्रेस ने विधायक भंवर लाल शर्मा का निलंबन भी रद्द किया है।
बसपा विधायकों पर हाई कोर्ट का आएगा फैसला
राज्य की सियासी तस्वीर कल बदल सकती है क्योंकि राजस्थान उच्च न्यायालय कांग्रेस में बसपा के छह विधायकों के विलय को चुनौती देने वाली भाजपा विधायक मदन दिलावर और बसपा की याचिकाओं पर सुनवाई शुक्रवार को करेगा। ये विधायक बसपा के टिकट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में जीतकर आए थे। वे सितंबर, 2019 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने 16 सितंबर, 2019 को विलय के लिए आवेदन दिया था और अध्यक्ष ने 18 सितंबर 2019 को आदेश जारी किया था।