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Rajathan: नवजात शिशु में मिली दो दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी, दुनिया का पहला मामला, करोड़ों रुपयों का है इसका इलाज

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Updated Sep 10, 2020 | 10:20 IST

राजस्थान में एक नवजात शिशु में दो दुर्लभ बीमारियां पाई गई है जो दुनिया में अपनी तरह का पहला मामला है क्योंकि इस तरह के दो बीमारी एक ही मरीज में पाये जाने संबंधी कोई विवरण चिकित्सा साहित्य में नहीं पाया गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
नवजात शिशुओं को हो रही दुर्लभ बीमारी

जयपुर : जयपुर के सरकारी अस्पताल जेके लोन में एक नवजात शिशु के एक साथ दो आनुवांशिक बीमारी से ग्रस्त होने का दुर्लभ मामला सामने आया है।
अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार इस शिशु को पोंपे बीमारी और स्पाइनल मस्क्युलर अट्रोफी-1 की दुर्लभ बीमारी है। अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार यह संभवतः दुनिया में अपनी तरह का पहला मामला है क्योंकि इस तरह के दो बीमारी एक ही मरीज में पाये जाने संबंधी कोई विवरण चिकित्सा साहित्य में नहीं पाया गया है।

पोंपे एक आनुवांशिक बीमारी है जो तंत्रिका तंतुओं के काम को प्रभावित करती है। यह बीमारी लगभग हर 11,000 में से एक बच्चे को हो सकती है और किसी भी जाति या लिंग को प्रभावित कर सकती है। वहीं, स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (एसएमए) एक आनुवांशिक बीमारी है जो तंत्रिका तंतुओं और स्वैच्छिक मांसपेशी के काम को प्रभावित करती है।

तीन सदस्यीय चिकित्सकों के दल में से एक चिकित्सक डा. प्रियांशु माथुर ने बताया कि बुधवार को 44 दिन के हुए इस नवजात शिशु को उत्तर प्रदेश के आगरा के एक अस्पताल से जयपुर के जेके लोन अस्पताल में कुछ दिन पहले सांस की समस्या के साथ-साथ शरीर में ढीलापन व हरकत कम होने की परेशानी होने की वजह से रेफर किया गया था।

उन्होंने बताया कि नवजात शिशु की बीमारी का इलाज शुरू कर दिया है। इन विकारों के मरीज बिना इलाज के जीवित नहीं रहते हैं। उन्होंने बताया कि पोमपे बीमारी की दवा की कीमत प्रति वर्ष लगभग 25-30 लाख है। वहीं, एसएमए की दवा रिस्डिप्लाम (एवरेसडी) पर लगभग चार करोड़ रुपये का खर्च आता है और इसे आजीवन देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि यह दवा इस रोगी को अनुकंपा उपयोग कार्यक्रम के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है।

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