- राजस्थान के अलवर में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने आपबीती सुनाई है
- उसने बताया कि कैसे आरोपी एक साल से उसका उत्पीड़न कर रहे थे
- उसका यह भी कहना है कि पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की
जयपुर : राजस्थान के अलवर में एक नाबालिग लड़क के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में नए खुलासे सामने आ रहे हैं। आरोपियों के खिलाफ एफआई दर्ज कराए जाने के अगले ही दिन पीड़िता के पिता का शव पेड़ से लटकता पाया गया था। पीड़िता का कहना है कि उसके घरवालों को लगातार धमकी मिल रही थी और उसके पिता की हत्या की गई है। उसने पुलिस पर इस मामले में देरी से कार्रवाई का आरोप भी लगाया है।
पीड़िता ने सुनाई आपबीती
यह मामला अलवर जिले में रामगढ़ कस्बे का है, जहां एक नाबालिग लड़की ने स्थानीय गुंडों पर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इस मामले में अनीस खान, महमूद, तौफीक और अंजुम को नामजद किया गया है। पीड़िता ने टाइम्स नाउ से बातचीत में उत्पीड़न की पूरी कहानी सुनाई और कहा कि 'अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो मेरे पिता की जान बच जाती।'
सालभर से हो रहा था उत्पीड़न
पढ़ाई पूरी कर पुलिस अफसर बनने का सपना देखने वाली इस लड़की ने आरोपियों की प्रताड़ना से तंग आकर अब स्कूल जाना भी बंद कर दिया है। 18 जून को जब उसकी सारी उम्मीदें खत्म हो गई थी तब उसने एक कुएं में कूदकर आत्महत्या का प्रयास भी किया था, लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे बचा लिया, जिसके बाद उसने अपने घरवालों को उत्पीड़न की वह दास्तां बताई, जिससे वह पिछले एक साल से गुजर रही थी।
पुलिस ने नहीं दी मदद
उसका कहना है कि 18, 19 जून को वह अपने भाई के साथ शिकायत दर्ज कराने रामगढ़ पुलिस स्टेशन गई थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने इस मामले में उन्हें सहयोग नहीं दिया और शिकायत तक दर्ज नहीं की। आखिरकार दो दिन बाद केस दर्ज हुआ, जिसके बाद आरोपियों ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया और केस वापस लेने का दबाव बनाने लगे।
आरोपियों ने धमकाया
पीड़िता का कहना है कि जब उसके घरवालों ने आरोपियों की बात नहीं मानी तो उन्होंने उसके पिता की हत्या कर दी। इतने पर भी वे नहीं रुके, बल्कि पिता की हत्या के बाद भी आरोपियों के घरवाले उसके घर पहुंचे और उन्हें डराया-धमकाया। उसका यह भी कहना है कि उसने खुदकुशी का प्रयास इसलिए किया, क्योंकि आरोपियों की नजर अब उसकी बहनों पर थी और वह खुद को असहाय महसूस कर रही थी।
पुलिस ने दी सफाई
वहीं, पुलिस ने इस मामले में खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया है और रिपोर्ट दर्ज करने में देरी की वजह तकनीकी गड़बड़ी को बताया है। पुलिस का यह भी कहना है कि इस मामले में उन्होंने त्वरित कार्रवाई की और यहां तक कि एफआईआर दर्ज करने से पहले ही आरोपी को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी हुई है।