- अपने खेमे को दुरुस्त रखने के लिए गहलोत कर सकते हैं कैबिनेट का विस्तार
- पायलट की वापसी को लेकर अभी नाउम्मीद नहीं कांग्रेस, कोशिशें जारी
- अशोक गहलोत ने भाजपा पर अपनी सरकार गिराने का आरोप लगाया है
जयपुर : सचिन पायलट गुट के बागी तेवर अख्तियार किए जाने के बाद राजस्थान में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरी कोशिश में हैं कि उनके खेमे में किसी तरह की सेंध न लग पाए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गहलोत अपनी कैबिनेट का विस्तार करते हुए कुछ नए चेहरों को मौका दे सकते हैं। चर्चा यह भी है कि डिप्टी सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से सचिन पायलय को हटाए जाने के बाद कांग्रेस फिर से अपने नेता को वापस लाने की कोशिश में है। इसके लिए वह प्रयास भी कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पायलट से पार्टी में वापस आने की अपील की है। सुरजेवाला ने पायलट को परिवार का सदस्य बताया है। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राहुल गांधी ने पायलट को मनाने की जिम्मेदारी कुछ वरिष्ठ नेताओं को दी है।
अभी नाउम्मीद नहीं कांग्रेस
पायलट की वापसी को लेकर कांग्रेस नाउम्मीद नहीं है। दरअसल, पायलट ने बुधवार को कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल नहीं होंगे। इसके बाद कांग्रेस एक बार फिर से अपने नेता को मनाने की कोशिश में है। पार्टी ने गहलोत से मीडिया के सामने पायलट पर हमला बोलने से मना किया है। गहलोत को यह भी बताया गया है कि कांग्रेस के कुछ नेता पायलट से संपर्क कर रहे हैं।
पायलट का भाजपा में शामिल होने से इंकार
पायलट ने कहा, 'मैं भाजपा में शामिल होने नहीं जा रहा। राज्य के कुछ नेता मेरे भाजपा में शामिल होने के बारे में अफवाह फैला रहे हैं। मैंने राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए काफी मेहनत की है।' बागी नेता पायलय बुधवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे लेकिन अचानक उन्होंने यह पीसी रद्द कर दी। सूत्रों का कहना है कि पायलट को लगता था कि उनके पास करीब 30 विधायकों का समर्थन होगा लेकिन अभी तक उनके साथ 18 से 20 विधायक हो सकते हैं। पायलट के अपने पत्ते नहीं खोलने को लेकर यह एक बड़ी वजह हो सकती है।
भाजपा पर गहलोत का आरोप
मुख्यमंत्री गहलोत ने बुधवार को भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया। गहलोत ने कहा कि भाजपा उनकी सरकार को गिराने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग कर रही है, इसका सबूत उनके पास है। उन्होंने कहा कि हमने अपने विधायकों को 10 दिन से एक होटल में रखा है। यदि हमने ऐसा नहीं किया होता तो मानेसर के होटल में जो आज हो रहा है, वह यहां पहले हो गया होता। गहलोत के इस आरोप पर भाजपा ने पलटवार किया है। पूर्व मंत्री रमेश मीना ने गहलोत से पूछा कि उनके इसके पहले के कार्यकाल में कांग्रेस में शामिल होने वाले बसपा के विधायकों को कितने पैसे दिए गए।