राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया, राज्य सरकार ने शनिवार को एक विज्ञप्ति में कहा। धारा 144 में एक स्थान पर पाँच से अधिक व्यक्तियों की सभा पर प्रतिबंध है। सरकार ने 31 अक्टूबर तक सामाजिक या धार्मिक समारोहों पर प्रतिबंध जारी रखने का भी फैसला किया है। हालांकि, अंतिम संस्कार में 20 लोगों और विवाह कार्यों में 50 लोगों की अनुमति यथावत रहेगी।
कोरोनोवायरस के संबंध में चिंताजनक स्थिति को देखते हुए जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर, उदयपुर, सीकर, पाली और नागौर में सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने का निर्णय लिया गया।सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन अनिवार्य होगा।संबंधित जिले के कलेक्टर इस संबंध में आदेश जारी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'कि किसी भी जिले में आक्सीजन बेड, आईसीयू बेड तथा वेन्टिलेटर जैसे जीवन रक्षक उपकरणों की कमी नहीं है। इस संबंध में कतिपय भ्रामक सूचनाएं फैलाई गई हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।'
सामाजिक-धार्मिक आयोजन पर रोक भी 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी
गहलोत ने शनिवार को राज्य में कोविड-19 महामारी की स्थिति और उससे बचाव के उपायों पर अधिकारियों के साथ बैठक में पूरे प्रदेश में किसी भी सामाजिक-धार्मिक आयोजन पर रोक को भी 31 अक्टूबर तक यथावत जारी रखने का निर्णय लिया है।एक सरकारी बयान के अनुसार केवल अंतिम संस्कार में 20 तथा विवाह-शादी के आयोजन में 50 व्यक्तियों के शामिल होने की छूट पूर्ववत रहेगी, लेकिन इसके लिए स्थानीय उपखण्ड अधिकारी को पूर्व सूचना देनी होगी।
गहलोत ने महामारी के संक्रमण से बचने के लिए सभी सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने और उचित दूरी रखने सहित स्वास्थ्य नियमों की कड़ाई से पालना करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों को बाजारों, कार्यालयों, सार्वजनिक परिवहन, पर्यटन स्थलों आदि सभी जगह पर ’नो मास्क, नो एन्ट्री’ के संकल्प का पालन करना चाहिए।