- ताज महल मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज की याचिका
- जयपुर के पूर्व राजपरिवार ने जमीन पर किया दावा
- परियों की कहानी सी रही दीया कुमारी की जिंदगी
MP and Princess Diya Kumari: ताज महल के तहखाने में बने बीस कमरों को खोलने की याचिका को गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार भी लगाई। हालांकि इस मामले के बाद ताजमहल के निर्माण को लेकर एक बार फिर से विवाद छिड़ गया है। ताजमहल की जमीन पर जयपुर के पूर्व राजपरिवार ने दावा किया है। पूर्व राजपरिवार की बेटी और भाजपा की सवाई माधोपुर से सांसद दीया कुमारी का दावा है कि आज जहां ताज महल है, उस जगह पर हमारा महल था।
इसके दस्तावेज भी उनके पास हैं। पूर्व रॉयल फैमिली के इस बड़े दावे के बाद सांसद दीया कुमारी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। वैसे आपको बता दें कि जयपुर की यह राजकुमारी अकसर चर्चा में रहती हैं। कभी अपने राजनीतिक सफर को लेकर तो कभी अपनी निजी जिंदगी को लेकर। जी हां, दीया कुमारी की निजी जिंदगी जहां कई उतार—चढ़ावों वाली रही, वहीं उनकी लव लाइफ की शुरुआत किसी परियों की कहानी सी थी, हालांकि इसका अंत सुखद नहीं रहा और यह रिश्ता तलाक पर जाकर खत्म हुआ।
हमेशा खुलकर रखी दिल की बात
दीया कुमारी और नरेंद्र सिंह ने अगस्त 1997 में लव मैरिज की थी। इस लव मैरिज को लेकर काफी विवाद हुआ था। विवाद का कारण था दीया और नरेंद्र का एक ही गोत्र का होना। सगोत्र शादी पर राजपूत समाज में जमकर आक्रोश था, लेकिन न परिवार और न ही समाज दीया को अपने फैसले से हिला पाया। सारे विरोध के बीच दीया ने नरेंद्र से शादी कर ली। इस शादी को लेकर दीया ने कभी कुछ नहीं छिपाया और खुद कई बार खुले मंच पर अपने दिल की बात कही।
यूं शुरू हुआ प्यार का सिलसिला
दीया ने कहा, जब वह नरेंद्र से मिलीं तब वह महज 18 साल की थीं। यह साल 1989 की बात है, उस समय नरेंद्र ग्रेजुएशन के बाद चार्टर्ड एकाउंटेंट की तैयारी में जुटे थे। नरेंद्र ने एसएमएस संग्रहालय ट्रस्ट में ट्रेनिंग के लिए अकाउंट सेक्शन में ज्वॉइन किया था। इसी दौरान दीया और नरेंद्र की मुलाकात हुई। दोनों की बातें हुईं और धीरे-धीरे दोस्ती। यह दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई। दीया कहती हैं नरेंद्र की सादगी और ईमानदारी मुझे बहुत अच्छी लगी। दीया कहती हैं कि ये कोई पहली नजर का प्यार नहीं था। लेकिन जब नरेंद्र की ट्रेनिंग खत्म हुई तो मुझे एहसास हुआ कि मुझे उनकी याद आ रही है। फिर जब भी वह जयपुर आते थे तो हम दोस्तों के यहां मिलते थे। मेरा हर समय नरेंद्र से मिलने का मन करता था। तब मुझे पता चला ये सिर्फ दोस्ती नहीं प्यार है।
परिवार हुआ गुस्सा, नहीं सुनी किसी की एक
जब दोनों के परिवारों को इस बात का पता चला तो दोनों बेहद गुस्सा हुए। वे इस रिश्ते को अपनाने को तैयार नहीं थे। जिसके बाद दोनों ने अलग होने का फैसला लिया, लेकिन ऐसा हो नहीं सका और दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली। जब दोनों के परिवारों को इस शादी के विषय में पता चला तो वे बेहद नाराज हुए,लेकिन बाद में शादी को तैयार हो गए। हालांकि इसका प्रभाव ये हुआ कि राजपूत समाज ने दीया के पिता पूर्व महाराजा भवानी सिंह को समाज के स्थाई अध्यक्ष पद से हटा दिया। साथ ही राज परिवार से रिश्ते खत्म कर दिए। हालांकि दीया और नरेंद्र से अपने वैवाहिक जीवन की शुुरुआत की। दोनों के दो बेटे पद्मनाभ सिंह व लक्ष्यराज सिंह और बेटी गौरवी है। हालांकि दीया और नरेंद्र की शादी दोनों का यह रिश्ता 21 साल बाद तलाक पर जाकर खत्म हुआ।