- टेरिटरी की तलाश में कई माह से घूम रहा है एसटी-24 बाघ
- आखिरी बार जमवारामगढ़ के साहू गांव के पास ट्रैक किया गया
- वन विभाग की कई टीमें कर रही हैं इस बाघ की मॉनिटरिंग
Jaipur News: सरिस्का बाघ परियोजना का टाइगर एसटी-24 टेरिटरी की तलाश में अजबगढ़ रेंज होते हुए 70 किमी दूर जयपुर पहुंच गया है। इस बाघ को आखिरी बार शहर से 25 किलोमीटर दूर जमवारामगढ़ के जंगल में देखा गया है। वन विभाग ने बीती रात इस बाघ का मूवमेंट जमवारामगढ़ के साहू गांव के पास ट्रैक किया। अधिकारियों का मानना है कि यह बाघ यहां तीन दिन से आस-पास ही बना हुआ है। इसे शहर की तरफ जाने से रोकने के लिए वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। साथ ही लोगों को अलर्ट भी किया गया है।
सरिस्का बाघ परियोजना के अधिकारियों के अनुसार इस बाघ के साहू गांव में पगमार्क मिलने के बाद मॉनिटरिंग के लिए जमवारामगढ़ क्षेत्र में सरिस्का की तीन टीमें लगाई गई हैं। इसके अलावा एक स्पेशल टीम और वन्यजीव रामगढ़ की टीमें भी बाघ की मॉनिटरिंग में जुटी हैं। अभयारण्य क्षेत्र जमवारमगढ़ के रेंजर प्रेम प्रकाश मीना ने बताया कि एसटी-24 ने आखिरी बार शिकार 24 अगस्त की सुबह 11 बजे रामनाथ पटेल की ढाणी के पीछे किया था। जिसके बाद से इसका मूवमेंट जमवारामगढ़ सेंचुरी के ड्योडा डूंगर से पापड़ के जंगल की तरफ बढ़ रहा है।
32 साल बाद जमवारामगढ़ रेंज में मूवमेंट
अधिकारियों के अनुसार जमवारामगढ़ रेंज में 32 साल बाद बाघ का मूवमेंट हुआ है। इससे पहले वर्ष 1990 में जमवारामगढ़ रेंज में टाइगर का मूवमेंट रिकाॅर्ड किया गया था। अब एक बार फिर से बाघ एसटी-24 ने यहां दस्तक दी है। यह बाघ अजबगढ़ रेंज होते हुए 70 किमी दूर जमवारामगढ़ के जंगल में पहुंचा है। जिसके बाद वन विभाग ने अलर्ट जारी किया। बता दें कि बाघ एसटी-24 की उम्र करीब ढाई साल है। यह बाघिन एसटी-12 की संतान है। टेरिटरी की तलाश में यह बाघ पिछले पांच से छह महीने से लगातार मूवमेंट कर रहा है। सरिस्का बाघ परियोजना के डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि सरिस्का का बाघ एसटी-24 जमवारामगढ़ वन रेंज में पहुंचा है। अभी हम इसके ट्रैक को मॉनिटर कर रहे हैं। ट्रैंक्यूलाइज करने की अभी कोई बात नहीं है।