- सितंबर के अंत तक फिर से पटरियों पर फर्राटा भरेगी शाही रेल
- कोरोना महामारी के कारण बीते दो साल से थमे थे पहिए
- पैलेस ऑन व्हील्स के पहले फेरे की सभी सीटें बुक
Jaipur News : कोरोना महामारी के चलते शाही रेलगाड़ी के लगे ब्रेक अब हटने की तैयारी में हैं। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो अगले माह यानी कि सितंबर के अंत तक पैलेस ऑन व्हील्स राजस्थान की पटरियों पर छुक-छुक दौड़ने लगेगी। राजस्थान पर्यटन विभाग इसकी तैयारियों में जुटा है। आपको बता दें कि शाही रेलगाड़ी में सवार होने को लेकर विभाग के पास दो सौ से अधिक यात्रियों की बुकिंग हो चुकी है। दो साल यार्ड में बंद रहने के कारण इसकी मरम्मत का काम चल रहा है।
गौरतलब है कि कोविड के चलते सब कुछ लॉक हुआ तो पैलेस ऑन व्हील्स के पहिए भी मार्च 2020 में थम गए थे। इसके पहले ट्रिप की सभी सीटें फुल हो चुकी हैं। पर्यटन विभाग के चैयरमेन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ की मौजूदगी में हुई बैठक में शाही रेलगाड़ी को फिर से चलाने की तैयारियों पर चर्चा की गई। पैलेस ऑन व्हील्स को पटरियों पर दौड़ता हुआ महल कहा जाता है। ये देखने में न सिर्फ महलों की तरह शानदार है, बल्कि इसमें वे सभी सुविधाएं मौजूद हैं जो किसी भी लग्जरी होटल में होती हैं। फिर बात बैडरूम की हो, बार की हो, स्पा या फिर डाइनिंग रूम की। इस पूरी ट्रेन के हर कोने से राजस्थान का शाही अंदाज झलकता है।
वन डे फेयर 55 हजार
राजस्थान पयर्टन निगम के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल शाही रेलगाड़ी की मरम्मत का कार्य चल रहा है। जो 20 सितंबर तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद सितंबर के अंत तक नए सिरे से ट्रेन अपने सफर पर निकलेगी। आपको बता दें कि इसका एक फेरा सात दिन और आठ रातों का होता है। इसमें पैसेंजर्स को राजस्थान के कई पर्यटन स्थलों पर ले जाया जाता है। जिसमें प्रत्येक बुधवार को पैलेस ऑन व्हील्स दिल्ली से चलकर जयपुर, सवाई माधोपुर, बूंदी, चित्तौडगढ़़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर, आगरा होते हुए फिर से दिल्ली पहुंचेगी। आरटीडीसी के अधिकारियों के मुताबिक इस शाही रेलगाड़ी का एक दिन का फेयर 55 हजार रुपए है। निगम ऑफ सीजन में इसे घटाकर 43 हजार कर देता है। ट्रेन में अधिकतम किराया करीब डेढ़ लाख रुपए प्रति व्यक्ति तक होता है। जिसमें पैसेंजर्स को चाय, ब्रेकफस्ट, खाना आदि मिलता है। अगर पैसेंजर्स लिकर, स्पॉ व लॉन्ड्री आदि की सुविधा लेना चाहते हैं तो इसके लिए अलग से रुपए देने होते हैं।