- जयपुर में सड़कों पर नमाज
- सड़त पर नमाज से बीजेपी को ऐतराज
- कांग्रेस का बयान हम किसी खास चश्मे से फैसला नहीं करते
देश के अलग अलग हिस्सों में अलविदा की नमाज अदा की गई। लेकिन यूपी और राजस्थान दोनों चर्चा में हैं। बताया जा रहा है कि यूपी के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब जुम्मे की नमाज सड़कों पर नहीं बल्कि ईदगाह और मस्जिदों में अदा की गई।यूपी के सीएम ने साफ कर दिया था कि आस्था के नाम पर भौंजा प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। लेकिन उसके ठीक उलट राजस्थान की राजधानी जयपुर के कई इलाकों में ना सिर्फ नमाज सड़कों पर अदा की गई बल्कि उसके लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया गया। अब इस विषय पर सियासत शुरू हो गई है।
बीजेपी ने गहलोत सरकार को कोसा
जयपुर में सड़कों पर लाउडस्पीकर लगाकर खुले में नमाज पढ़ने पर आया भाजपा के प्रवक्ता का बयान सामने आया है। भाजपा के प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा - बहुसंख्यको के त्योहारों पर सरकार लगाती है रैली और जुलूस पर रोक हैतो वही वर्ग विशेष को खुश करने के लिए आज प्रशासन व्यवस्था करने में जुटा हुआ है। सड़कें जाम कर दी गई हैं। यह सरकार की तुष्टीकरण की नीति है जिसका पार्टी विरोध करती है।
यूपी में मस्जिद में अदा की गई नमाज
रमजान के पवित्र महीने के आखिरी शुक्रवार को दी जाने वाली 'अलविदा नमाज' को लेकर राज्य की राजधानी लखनऊ में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है।करीब दो साल के अंतराल के बाद मस्जिदों में नमाज अदा की गई। कोविड -19 महामारी के दौरान, केवल पांच व्यक्तियों को एक समूह में नमाज अदा करने की अनुमति थी।इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के प्रमुख और ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने लोगों से शांति बनाए रखने और निर्धारित कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है।
देश भर में 'अजान' और 'हनुमान चालीसा' के गायन को लेकर चल रहे विवाद को देखते हुए पुराने शहर के इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।मस्जिदों, दोनों बड़ी और छोटी, सभी को 'अलविदा नमाज' के लिए सजाया गया है और मस्जिदों के आसपास के इलाकों को साफ कर दिया गया है।लोगों को चिलचिलाती धूप से बचाने के लिए टेंट लगाए गए हैं।कई हिंदू संगठनों ने उपवास नहीं रखने वालों को 'शरबत' और पानी पिलाने के लिए स्टाल लगाए हैं।