- कानपुर में रेलवे इंजीनियर ने फांसी लगाकर दी जान
- भाई से दो दिन पहले फोन पर हुई थी बात
- पुलिस को कमरे से मिला सुसाइड नोट, जल्द खुलेगा मौत का राज
Kanpur Engineer Suicide Case: कानपुर शहर में रेलवे विभाग के एक इंजीनियर ने मानसिक तनाव के चलते फांसी लगाकर जान दे दी। वहीं घटना की जानकारी लगने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जांच पड़ताल शुरू कर दी। पुलिस को इंजीनियर के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसके बाद फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की। पुलिस घटना के सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा।
रावतपुर के राणा प्रताप नगर के वर्तमान निवासी रेलवे इंजीनियर भानु प्रताप (28) मानसिक तनाव में चल रहे थे। मानसिक तनाव के चलते ही उन्होंने फांसी लगाकर जान दी है। उनकी मौत से परिवार में कोहराम मचा है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
जूनियर एग्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत थे भानु प्रताप
मूलरूप से हमीरपुर मौदहा के छिरका गांव के रहने वाले भानु प्रताप रेलवे के डीएफसीआईएल विभाग में जूनियर एग्जीक्यूटिव के पद पर तैनात थे। पुलिस की जांच में पता चला कि भानु प्रताप रावतपुर के राणा प्रताप नगर में आदर्श मिश्रा के मकान में किराए पर कमरा लेकर रहते थे। वर्तमान में उनकी तैनाती सरसौल में थी। वहीं दो दिन पहले ही उनके भाई राज बहादुर की भानु प्रताप से फोन पर बात हुई थी। इसके बाद शुक्रवार को परिजनों ने भानु प्रताप को कई बार फोन किया लेकिन, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई तो उन्होंने एक रिश्तेदार नितिन को फोन करके भानु प्रताप के कमरे पर भेजा। नितिन जैसे ही भानु प्रताप के कमरे पर पहुंचे तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। कमरे में पंखे से फांसी के फंदे पर भानु प्रताप का शव लटका हुआ था।
बेटे की सुसाइड से परिवार में मच गया कोहराम
रिश्तेदार नितिन ने जैसे ही भानु प्रताप के परिजनों को घटना की जानकारी दी तो परिवार में कोहराम मच गया। वहीं आनन-फानन में परिजन घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। मौके पर पहुंचे परिजनों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। उधर, रावतपुर थाना प्रभारी अमान सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुला लिया। इस दौरान पुलिस को भानु प्रताप के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं भानु प्रताप पुत्र राम अपनी मर्जी से जान दे रहा हूं। पिताजी मुझे माफ कर देना। मैंने आपके सपनों को तोड़ा है। आप हमेशा खुश रहना। मेरे बड़े भाई, भाभी, आशिक, साक्षी, छोटे भाई, भाभी, विदित आप हमेशा खुश रहो। वहीं सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।