- कानपुर में बन रहा गोबर गैस प्लांट
- पाइप लाइन से होगी गैस की आपूर्ति
- 10 रुपये में इतनी गैस मिलेगी कि दो टाइम का खाना बन सकेगा
Gobar Gas Plant In Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गोवर्द्धन योजना की शुरुआत होने जा रही है। कानपुर के पतारा के इटारा ग्राम पंचायत से यह योजना शुरू होगी। योजना के तहत ग्रामीण दो रुपये किलो के हिसाब से गोबर प्लांट को बेचेंगे और बदले में 10 रुपये में उन्हें इतनी गोबर गैस दी जाएगी कि दोनों समय का खाना बनाया जा सके। इस योजना के शुरू होने से ग्रामीणों को पूरे महीने में केवल 300 रुपये का खर्च करने होंगे। पीएनजी की तरह काम करने वाली यह गैस भी पाइप लाइन के जरिए घरों तक पहुंचेगी।
हालांकि सुबह शाम दो-दो घंटे गैस का इस्तेमाल किया जा सकेगा। शुरुआत में 35 घरों में गैस आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। 24 लाख रुपये की लागत से बनाया जा रहा प्लांट जून में शुरू हो सकता है।
सफलता मिलने पर अन्य इलाकों में भी लगेगा प्लांट
आपको बता दें कि कानपुर मंडल में अभी औरैया और देहात जिले में ऐसा प्लांट चल रहा है। पतारा का प्लांट सफल हो गया तो जिले में और भी कई इलाकों में इस प्लांट को स्थापित किया जाएगा। फिलहाल शासन ने इटारा गांव को सलेक्ट किया है। इसका सर्वे का काम भी पूरा हो गया है। गौरतलब है कि इस गांव में लोगों के पास भारी संख्या में पशु हैं। प्लांट का संचालन शुरुआत में पंचायतीराज विभाग करेगा। इस योजना के तहत मंडल के सभी जिलों में एक-एक प्लांट मॉडल के तौर पर बनाए जाएंगे।
जिस गांव में ज्यादा पशु, वहीं स्थापित होगा प्लांट
अधिकारियों के अनुसार, 24 लाख की लागत से बनने वाले इस प्लांट के लिए राज्यस्तरीय और जिलास्तरीय टीम ने जिले के 4 ब्लॉकों की गौशालाओं का निरीक्षण किया था। इस ग्राम पंचायत में पशुओं की संख्या ज्यादा थी। इसलिए इस गांव को चुना गया। वहीं, गोबर खरीद योजना का लाभ उन्हीं गांवों को मिल सकता है, जहां पर पालतू पशुओं की संख्या अधिक होगी। कम से कम एक गांव में 150 जानवर और करीब नौ क्विंटल गोबर रोजाना होना चाहिए। तभी प्लांट लगेगा। इसीलिए प्लांट से गोशालाओं को भी जोड़ा गया है।
पीएनजी की अपेक्षा सस्ती पड़ेगी गोबर गैस
आमतौर पर एक स्वस्थ पशु एक दिन में नौ से 10 किलो गोबर देता है। अभी तक के सर्वे में ज्यादातर गांवों में जानवरों की संख्या कम पाई गई है। इसकी वजह यह है कि लोग पालतू जानवरों को छोड़ देते हैं। इस योजना से अवारा जानवरों की समस्या भी दूर होगी। गोवर्द्धन योजना के तहत पतारा गोबर गैस प्लांट से ग्रामीणों को दी जाने वाली गैस पीएनजी की अपेक्षा सस्ती पड़ेगी। पीएनजी उपभोक्ताओं को महीने भर में 500 से 600 रुपये तक देने पड़ते है, लेकिन गोबर गैस का महीने का खर्च 300 रुपये आएगा।