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Kanpur to Ghaziabad Corridor: कानपुर से गाजियाबाद तक 380 किमी के कॉरिडोर को मिली मंजूरी, बनेगा एक्सप्रेस-वे

Updated May 09, 2022 | 19:12 IST

Kanpur to Ghaziabad Corridor: कानपुर से गाजियाबाद जाने वालों का सफर जल्द ही आसान होगा। सरकार ने ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दे दी है। इस कॉरिडोर को 380 किलोमीटर का बनाया जाना है, जो 2025 में बनकर तैयार हो जाएगा।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • कानपुर से गाजियाबाद जाने वालों का सफर जल्द ही होगा आसान
  • ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर के बनने के बाद से यात्रियों को मिलेगी सहूलियत
  • पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को नहीं जाना पड़ेगा यमुना एक्सप्रेस-वे

Kanpur to Ghaziabad Corridor: कानपुर से गाजियाबाद जाने वालों का सफर जल्द ही आसान होने जा रहा है। केंद्र सरकार और परिवहन विभाग ने कानपुर से गाजियाबाद तक ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर बनाने को मंजूरी दे दी है। यह कॉरिडोर 380 किलोमीटर लंबा बनाया जाएगा। इस कॉरिडोर को 2025 में बनाकर तैयार कर लिया जाएगा। वहीं गाजियाबाद के लोगों को कानपुर जाने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे से होते हुए जाना पड़ता है।

जिससे उनका रास्ता काफी लंबा हो जाता है। ऐसे में इस ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर के बनने के बाद से यात्रियों को सहूलियत प्रदान होगी। इस कॉरिडोर के बनकर तैयार हो जाने से गाजियाबाद हापुड़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों से जुड़े लोगों को यमुना एक्सप्रेस-वे पर जाने की अवश्यकता नहीं पड़ेगी। 

कॉरिडोर का डीपीआर बनाने का काम शुरू

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) इस प्रोजेक्ट के लिए वितरित प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम शुरू कर दिया है। कॉरिडोर का डीपीआर 350 दिनों में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके बाद प्रोजेक्ट की मंजूरी लेकर भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यह कार्य 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद 2 वर्ष (24 महीने) के अंदर इस प्रोजेक्ट को बनाकर तैयार कर दिया जाएगा।

कॉरिडोर का निर्माण 6 लेन के हिसाब से होगा

वहीं एनएचएआई ने डीपीआर बनाने के लिए सलाहकार फर्म के चैन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर 380 किलोमीटर लंबा होगा और इसे 2025 तक तैयार कर लिया जाएगा। इस कॉरिडोर के बन जाने से गाजियाबाद से हापुड़ कानपुर और उन्नाव जाने का रास्ता आसान हो जाएगा। इस कॉरिडोर के लिए 8 लेन के हिसाब से भूमि अधिग्रहण किया जाएगा, लेकिन फिलहाल इसे 4 लेन का ही बनाया जाएगा। हालांकि इस कॉरिडोर पर अंडरपास, फ्लाईओवर और सर्विस रोड का निर्माण 6 लेन के हिसाब से किया जाएगा। 

मसूरी गंग नहर के बाद शुरू करने का प्रस्ताव

गाजियाबाद और कानपुर के बीच बनाए जा रहे कॉरिडोर को चार लेन का बनाया जा रहा है। बाद में वाहनों के दबाव को बढ़ते हुए देख कर इसे 8 लेन का कर दिया जाएगा, लेकिन इस कॉरिडोर के बीच में बनने वाले रेल ओवर ब्रिज, अंडरपास और अन्य पुलों के निर्माण को 6 लेन के हिसाब बनाया जाएगा। गाजियाबाद में इसका निर्माण मसूरी गंग नहर के बाद शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसी के अलावा इसे हापुड़ से भी जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया है। ताकि गाजियाबाद और हापुड़ दोनों जगहों के लोग इस कॉरिडोर का लाभ ले सकें।  

कॉरिडोर बनने से शहर की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा

इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद से नोएडा और गाजियाबाद की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। लोगों को कानपुर जाने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे से होते हुए जाना पड़ता है। जिसके लिए लोग गाजियाबाद से नोएडा होते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे पर चढ़ते हैं। अब सरकार ने कानपुर से गाजियाबाद तक ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर बनाने को मंजूरी दे दी है। अभी लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, फरीदाबाद और पश्चिमी यूपी जाने वाले वाहन यमुना एक्सप्रेस-वे से जाया करते हैं।

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