- बिहार, गोरखपुर और लखनऊ के रास्ते कानपुर में हो रहा चरस का कारोबार
- चरस को कहा जाता है काला सोना, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अधिक है कीमत
- एसटीएफ कानपुर की यूनिट नेपाल को चरस नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी
Kanpur News: कानपुर जनपद में बिहार, गोरखपुर और लखनऊ के रास्ते चरस की तस्करी की जा रही है। पुलिस ने एक करोड़ की चरस के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। फिलहाल एसटीएफ की टीम आरोपी से गिरोह के बारे में पूछताछ कर रही है। तस्कर की उम्र 70 साल है। इस उम्र में आराम करने की जगह तस्करी करने के चक्कर में अब ये चाचा 420 जेल पहुंच गया है। एसटीएफ को पूछताछ में बड़े नेटवर्क के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है। मिली जानकारी के अनुसार एसटीएफ की कानपुर यूनिट टीम ने 25 अप्रैल को करीब 85 किलो चरस बरामद की थी, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब एक करोड़ रुपये अनुमानित है।
वहीं 7 जून को 93 लाख रुपये के ड्रग्स के साथ कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। कानपुर शहर में ड्रग्स तस्कर सक्रिय हैं और जिस रास्ते से ड्रग्स की सप्लाई होती है, उसे पुलिस अब भी पूरी तरह बंद नहीं कर पाई है। बिहार, गोरखपुर और लखनऊ के रास्ते से कानपुर में चरस का कारोबार बड़ी मात्रा में चल रहा है।
पुलिस तस्कर के अन्य साथियों को जल्द करेगी गिरफ्तार
मिली जानकारी के अनुसार आरोपी मो. हसन (70 वर्ष) उन्नाव का रहने वाला है। थाना प्रभारी अंजन कुमार सिंह ने बताया है कि अभियुक्त से कई अहम सुराग मिले हैं। जल्द ही इसके अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बता दें कि एसटीएफ की कानपुर यूनिट नेपाल के नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी है। इसके लिए एसटीएफ ने अपने मुखबिर नेटवर्क को मजबूत बनाया है।
नेपाल में चरस को कहा जाता है काला सोना
जानकारी के लिए बता दें कि स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अफसर पिछले कई महीनों से नेपाल में संचालित ड्रग्स का कारोबार और उसका नेटवर्क ध्वस्त करने में लगे हुए हैं। एसटीएफ कानपुर के प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि नेपाल में चरस को काला सोना कहा जाता है। इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग बहुत अधिक है। इसी वजह से इसका कारोबार शहर के साथ-साथ कई राज्यों में फैल चुका है।