- जलकल अधिकारियों का कहना है कि भूगर्भ जल दूषित हो चुका है
- लैब टेस्ट में पानी में नाइट्राइट की मात्रा पाई गई जो कायदे से जीरो होनी चाहिए
- सलाह-लोगों को इसमें क्लोरीन डालकर या उबालकर ही पीना चाहिए
Kanpur News: कानपुर महानगर के रावतपुर इलाके में दूषित पानी के चलते डायरिया फैल गया है। इसकी चपेट में आने के चलते सैकड़ों लोग अस्पताल पहुंच गए हैं, जिनमें से कई की तो हालत नाजुक है। इस मामले को लेकर लोगों का कथित तौर पर आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही के चलते ये स्थिति बनीं है। लोगों के मुताबिक वे कई दिनों से दूषित पानी आने की शिकायत पार्षद और नगर निगम के अधिकारियों से कर रहे थे।
मगर उनकी समस्या को लेकर कोई गंभीर नहीं हुआ, जिसके चलते अब हालात बिगड़ गए हैं। इधर, इलाके में तेजी से डायरिया फैलने की वजह दूषित पानी बता रहे हैं। गत कई दिनों से लगातार हो रही बरसात की वजह से इलाके में जगह- जगह बारिश का पानी भरा है। वह पानी बोरिंग के पानी के साथ मिलकर लोगों के घरों तक पहुंचा है। जानकारी के अभाव में लोगों ने पानी का उपयोग किया,जिसके चलते इलाके के करीब दो सौ लोग डायरिया के शिकार हो गए।
प्रशासन के हाथ-पांव फूले
बड़े पैमाने पर लोगों के एक साथ बीमार पडऩे व अस्पतालों में लोगों का हुजूम लगने के साथ जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों के हाथ - पांव फूल गए। आनन- फानन में इलाके में चिकित्सा कैंप के जरिए लोगों को राहत देने की कोशिश की जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से अपील कर बताया गया है किअपने घरों में जमा किए गए पानी का इस्तेमाल फौरन बंद कर दें। वहीं निगम की ओर से टैंकर के जरिए आनंद नगर व धनुकाना लोहारन भट्टा के लोगों तक स्वच्छ पानी पहुंचाया जा रहा है। डायरिया से कई लोगों की गंभीर हालत होने के कारण उन्हें अस्पतालों में दाखिल करवाया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कानपुर डीएम विशाख जी अय्यर ने मौके पर जाकर हालात के बारे में जानकारी ली। डीएम को प्रभावित इलाके के लोगों ने बताया कि समय रहते उनकी अधिकारियों ने बात नहीं सुनी जिसके नतीजे में इलाके में बड़़े पैमाने पर डायरिया की चपेट में लोग आ गए।
बरसात से बिगड़ी स्थिति
जलकल अधिकारियों के मुताबिक , बरसात के दौरान सीवरेज में पानी के भराव और नाले का पानी इलाकों में बहने से भूगर्भ जल दूषित हो चुका है। सचिव के मुताबिक लैब टेस्ट में पानी में नाइट्राइट की मात्रा पाई गई जो कायदे से जीरो होनी चाहिए। अब भूगर्भ जल पीने योग्य नहीं रहा है। लोगों को इसमें क्लोरीन डालकर या उबालकर ही पीना चाहिए। इलाके में 6 स्वास्थ्य कैंप लगाए गए हैं, वहीं सर्वे के लिए 65 टीमे इलाके में भेजी गई है। टीमों ने अब तक 12538 घरों का सर्वे कर 13325 ओआरएस के पैकेट बांटे हैं। घरों में करीब 12710 क्लोरीन की टेबलेट्स दी गई हैं।