- शासन ने रैपिड रेल के लिए बड़ा निर्णय लिया
- सिर्फ 35 मिनट में लखनऊ पहुंचेंगे कानपुर के लोग
- कानपुर की जनता के लिए खुलेंगे रोजगार के नए रास्ते
Kanpur Rapid Rail Updates: कानपुर की जनता का यह सपना अब हकीकत में पूरा होने जा रहा है। जी हां, कानपुर के लोग सिर्फ 35 मिनट में रैपिड रेल से लखनऊ पहुंच जाया करेंगे। बताया गया कि शासन ने कानपुर व लखनऊ के बीच रैपिड रेल चलाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति दे दी है। वहीं शासन ने इसके लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया है। उधर, शासन के इस फैसले से कानपुर की जनता भी काफी खुश है।
बता दें कि, शासन के निर्देश पर जो विजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया गया है। वहीं अब इस परियोजना का फिजिबिलिटी अध्ययन किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार गंगा बैराज से लखनऊ तक नया रेलवे ट्रैक बनाया जाएगा। इस पर सिर्फ रैपिड रेल ही चलेगी।
लखनऊ में हुई अहम बैठक
बताया गया कि, लखनऊ में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव नितिन गोकर्ण की अध्यक्षता में बीते सोमवार को लखनऊ व कानपुर के मध्य रैपिड रेल परियोजना की समीक्षा की अहम बैठक हुई। वहीं उच्च स्तरीय विकास समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्तव ने इस योजना का प्रस्तुतीकरण किया। उधर, मंडलायुक्त राजेश शेखर का कहना है कि, इस परियोजना से कानपुर व लखनऊ का ट्विन सिटी के रूप में विकास के साथ उन्नाव के भी आधुनिक विकास के रास्ते खुलेंगे। ऐसे में उन्नाव की जनता के लिए भी रोजगार के खास अवसर रहेंगे।
क्यों जरूरी होगा गंगा बैराज तक मेट्रो का विस्तार?
लखनऊ से गंगा बैराज तक का मेट्रो विस्तार काफी अहम होगा। मंडलायुक्त ने कानपुर मेट्रो के दूसरे रूट बर्रा 8 से सीएसए को कंपनी बाग होकर गंगा बैराज तक विस्तार देने को आवश्यक बताया है। उन्होंने कहा कि इससे बर्रा से 25 से 30 मिनट में गंगा बैराज मेट्रो स्टेशन और वहां से रैपिड रेल से करीब 35 मिनट में लखनऊ पहुंचा जा सकेगा। उधर, यूपीएमआरसी के एमडी सुशील कुमार ने बताया कि, इस परियोजना को मेट्रो से जोड़ने से रैपिड सेवा का भी प्रसार और बेहतर उपयोग किया जा सकेगा। वहीं प्रमुख सचिव का कहना है कि, रैपिड रेल परियोजना में दोनों शहरों के बड़े दायरे के क्षेत्रों में जोड़ा जाना आवश्यक और महत्वपूर्ण रहेगा। वहीं फिजिबिलिटी स्टडी के धन के लिए संबंधित को अनुरोध पत्र शीघ्र भेजने के निर्देश के दिए जाने के लिए कहा गया है। कोरोना काल की वजह से इस परियोजना की कार्रवाही आगे बढ़ने से रुक गई थी।