- कर्मचारियों के पीएफ खातों से लाखों रुपये निकाले गए
- फर्जी खाता धारकों की सूची लगाकर पैसा निकालने का आरोप
- कंपनी के निदेशकों की बड़ी लापरवाही आ रही है सामने
Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर में साइबर फ्राॅड का अलग ही मामला सामने आया है। यहां के रनियां की एक लेदर कंपनी के कर्मचारियों के पीएफ खातों से लाखों रुपये निकाले गए हैं। पहली बार 10 अप्रैल 2021 को रुपये निकाले गए थे। इसके बाद मार्च 2022 तक छह बार और रकम निकाली गई। खुलासा हुआ है कि कंपनी निदेशकों के डिजिटल हस्ताक्षर कंसल्टेंट के पास थे। इतने महत्वपूर्ण हस्ताक्षर कंसल्टेंट के पास कैसे पहुंचे, इसकी जांच की जा रही है।
इसमें जन्मतिथि, नाम, पता और उसके दावे का सत्यापन होता है। आमतौर पर किसी भी कंपनी में एचआर के पास या कंपनी के निदेशकों के पास डिजिटल हस्ताक्षर होते हैं। इस मामले में कंपनी के निदेशकों की भी लापरवाही की बात सामने आ रही है।
कंपनी के निदेशक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
जांच में पता चला है कि यहां के कर्मचारियों के पीएफ का कामकाज एक कंसल्टेंट को दे दिया गया था। मुकुल चौबे नामक शख्स ये सारा काम देखता था। वही कर्मचारियों के डिजिटल हस्ताक्षर के जरिये दावों के संबंध में प्रक्रिया पूरी करता था। कंपनी के कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी बिना अनुमति के उनके पीएफ से राशि निकाली गई है। क्षेत्रीय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के प्रवर्तन अधिकारी संजय कुमार निगम ने जाहिद शौकत, राशिक शौकत, शरीक शौकत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ये तीनों उक्त कंपनी के निदेशक हैं। इन पर फर्जी पीएफ खाताधारकों की सूची लगाकर और उसे प्रमाणित कर पीएफ निकालने का आरोप है। वहीं एक अन्य मामले में भी प्रवर्तन अधिकारी वंदना पांडेय ने ललित गुप्ता और मुकुल चौबे पर पीएफ के खाते से फर्जी खाता धारकों की सूची लगाकर राशि निकालने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया है। इन सभी मामलों में अपराध का तरीका एक ही तरह का है और एक ही व्यक्ति से जुड़ाव निकल रहा है। मुकुल चौबे को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।