- कानपुर के बाल संरक्षण गृह में 57 लड़कियां कोरोना से संक्रमित पाई गई हैं
- कांग्रेस ने योगी सरकार पर साधा है निशाना, कहा-सरकार ने सबक नहीं लिया
- भाजपा का पलटवार, कहा-यह योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश है
कानपुर : सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 लड़कियों के कोरोना संक्रमित होने और उनमें से दो के गर्भवती पाए जाने के मामले पर कांग्रेस ने सरकार को घेरने की कोशिश की। सोशल मीडिया पर विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर हमला बोला। जैसे ही इस मामले ने तूल लिया तो प्रशासन ने मामले की हकीकत सामने रख दी। वहीं भाजपा ने कांग्रेस पार्टी सहित विपक्ष पर जबरदस्त पलटवार किया है। सत्ता पक्ष ने इस मामले में भ्रामक पोस्ट डालने वालों को चेतावनी दी है।
कांग्रेस के मन में यूपी सरकार से खिलाफ नफरत
उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने कहा कि जिस तरह से कानपुर के राजकीय महिला संवासिनी गृह की घटना पर कांग्रेस पार्टी और विपक्ष ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई, वह योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश है। ऐसे समय में जब देश कोविड-19 जैसी महामारी से जूझ रहे हैं, तो हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। कांग्रेस और विपक्ष जिम्मेदारी से भागकर गंदी राजनीति करने में लगा है। प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गांधी के मन में योगी सरकार के प्रति नफरत का भाव है और इसीलिए वह ऐसी विघटनाकारी नीति पर कार्य कर रहे हैं। अब एक बार फिर कानपुर वाले मामले पर इन्होंने झूठ प्रचारित किया है। इसकी जितनी निंदा की जाए, वह कम है।
प्रशासन ने किया मामला साफ
डीएम कानपुर ने ट्वीट कर स्पष्ट किया कि कानपुर संवासिनी गृह में कोरोना पॉज़िटिव मामलों में से दो गर्भवती लड़कियों की खबर के बारे में यह स्पष्ट करना है कि ये पॉक्सो एक्ट के तहत CWC आगरा तथा कन्नौज के आदेश से दिसम्बर 2019 में यहॉं संवासित की गयी थीं और तत्समय किए गए मेडिकल परीक्षण के अनुसार ये पहले से गर्भवती थीं। कुछ लोगों द्वारा कानपुर संवासिनी गृह को लेकर ग़लत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई गई है।आपदाकाल में ऐसा कृत्य संवेदनहीनता का उदाहरण है। कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को जांचें बिना पोस्ट ना करें। ज़िला प्रशासन इस संबंध में आव़श्यक कार्रवाई हेतु लगातार तथ्य एकत्र कर रहा है।
कांग्रेस ने लगाए थे ये आरोप
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया था कि बिहार के मुजफ्फरपुर का मामला सबके सामने है। उत्तर प्रदेश के देवरिया में ऐसा ही मामला आ चुका है। ऐसे में पुन: इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति से साफ है कि सरकार ने सबक नहीं लिया। किसी को बख्शा नहीं जाएगा जैसे जुमले बोले देने से व्यवस्था नहीं बदलती मुख्यमंत्री जी। देवरिया से कानपुर तक की घटनाओं में क्या बदला?