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GSVM Medical College Kanpur : कानपुर में अनाज की पौष्टिकता परखने के लिए मेडिकल कॉलेज में बनेगी लैब

Updated Apr 22, 2022 | 14:45 IST

GSVM Medical College Kanpur : उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एक लैब बनाई जाएगी। इस लैब में अनाज की पौष्टिकता और गंभीर बीमारियों पर शोध किया जाएगा।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में बनेगी लैब
मुख्य बातें
  • कानपुर में परखी जाएगी अनाज की पौष्टिकता
  • जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में बनेगी लैब
  • कारखानों के स्टाफ को भी दिया जाएगा प्रशिक्षण

GSVM Medical College Kanpur : कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अनाज की पौष्टिकता और गंभीर बीमारियों पर शोध करने के लिए लैब बनेगी। इसमें गेहूं, चावल और दूसरे अनाज की पौष्टिकता की जांच की जाएगी। इसके साथ ही मिल वालों को मश्वरा दिया जाएगा कि, अनाज की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए क्या करें? जरुरत पड़ने पर मिल के स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मलेरिया और दूसरे रोगों के इलाज को अनाजों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जल्द काम शुरू होगा।

मेडिकल कॉलेज में बनने वाली लैब में खाने-पीने की चीजों पर ज्यादा शोध किया जाएगा। इसको लेकर एनजीओ पाथ के इंडिया हेड को ई-मेल भेजा गया है। एनजीओ से करार किया जाएगा।

लैब में खाने की चीजों की होगी जांच
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि, अनाज को दवा से 'फोर्टिफाई किया जा सकता है। कॉलेज प्रबंधन ने लैब के संबंध में एनजीओ पाथ के इंडिया हेड को ई-मेल भेजा है। यह एनजीओ इसके पहले किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से करार कर चुका है। प्राचार्य ने बताया कि, लैब में खासतौर पर खाने की चीजों की जांच होगी। इन्हें पौष्टिकता से समृद्ध किया जाएगा। इससे बच्चों के सरीखी बीमारियों को दूर करने में मदद मिलेगी। 

कारखानों के स्टाफ को भी किया जाएगा प्रशिक्षित
उन्होंने बताया कि, इसके साथ ही अनाज को प्रोसेस करने वाले कारखानों के स्टाफ को भी प्रशिक्षित किया जाएगा,  करार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्दी इस दिशा में काम और आगे बढ़ेगा। वहीं, इससे पहले हाल ही में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में स्टेम सेल थेरेपी की शुरुआत करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। 

कॉलेज प्रबंधन ने तैयार किया खाका

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रदेश का पहला ऐसे राजकीय मेडिकल कॉलेज होगा, जहां अलग से स्टेम सेल थेरेपी का विभाग बनाया जाएगा। हालांकि अभी यहां स्टेम सेल थेरेपी सर्जरी विभाग के समन्वय से दी जा रही है। विभाग बनने के बाद स्टेम सेल के क्षेत्र में शोध का दायरा भी बढ़ेगा। आपको बता दें कि, अभी चुनिंदा रोगों में यह थेरेपी दी जा रही है। कॉलेज प्रबंधन ने इसका खाका तैयार किया है और विभिन्न मदों के संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा है।
 

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