- पीएनजी के दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि से औद्योगिक इकाइयों के संचालकों असमंजस की स्थिति
- कानपुर की अधिकांश औद्योगिक इकाइयां पीएनजी द्वारा होती है संचालित
- कानपुर की करीब 200 से अधिक औद्योगिक इकाइयां पीएनजी से होती है संचालित
Industrial PNG Price Hike: उत्तर प्रदेश में कानपुर को औद्योगिक इकाइयों का हब माना जाता है। ऐसे में लगातार बढ़ रहे पीएनजी के दामों के चलते औद्योगिक इकाइयों पर इसका भारी बोझ पड़ रहा है। पीएनजी के दामों में हो रहे लगातार वृद्धि के चलते औद्योगिक इकाइयों के उत्पादों के उत्पादन लागत भी तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं इनके सामानों के मूल्य में वृद्धि नहीं हो रही है। ऐसे में उत्पादन लागत बढ़ने से मुनाफा ना के बराबर हो रहा है जिसके चलते व्यापारियों में हताशा व निराशा है। पीएनजी से संचालित होने वाली करीब 200 से अधिक औद्योगिक इकाइयां कानपुर शहर में संचालित हो रही है। ऐसे में इन सभी इकाइयों पर उत्पादन लागत बढ़ने से यह बंदी के कगार पर पहुंच गई हैं।
साथ ही शहर में छोटी छोटी औद्योगिक इकाइयां भी इसी पर निर्भर है। सबसे ज्यादा छोटी इकाइयों पर पीएनजी के दामों की वृद्धि का असर पड़ रहा है। इन इकाइयों के पास पीएनजी के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है जिसका प्रयोग कर अपनी उत्पादन लागत को कम कर सकें।
सीयूजीएल ने औद्योगिक पीएनजी के दामों में दो गुना वृद्धि की
पीयूसीएल ने औद्योगिक पीएनजी के दामों में लगभग दो गुना वृद्धि कर दी है जिसके चलते औद्योगिक इकाइयों पर इसका दोगुने से अधिक दबाव बढ़ रहा है। 55 रुपए में मिलने वाली पीएनजी के दाम बढ़कर अब 110 रुपये हो गए हैं जिसके चलते इसका सबसे ज्यादा असर कानपुर के बिस्किट इकाइयों पर पड़ रहा है जहां ब्रिटानिया, पारले बिस्कुट जैसी बड़ी बड़ी कंपनियों के प्लांट भी संचालित हो रहे हैं।
उद्यमियों ने बताई अपनी पीड़ा
उद्यमियों का कहना है कि पीएनजी के दामों में भारी वृद्धि होने के चलते उत्पादों के लागत में भी दोगुने से अधिक इजाफा हो रहा है। ऐसे में लागत में दोगुने से अधिक वृद्धि होने के चलते कंपनियां घाटे में चल रही हैं।लागत में दोगुनी वृद्धि होने के चलते मुनाफा ना के बराबर है। वहीं बाजार में इन उत्पादों की कीमतों में भी कोई इजाफा नहीं हो रहा है। इसलिए कंपनियां बंदी के कगार पर आ गई है।